So rich, so treasures
Cultivating the bare mere!
Stop O traveller!
Stop O traveller!
At the rime of departure
Nothing remains here
Time to trigger
it here n only here!!
Nullify the remains
In between cycle here
Stop O traveller!
Stop O traveller!
-
कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे ... read more
संकल्पों की छाया
बड़ी गेहन रें माया !
लिए संग काया की साया
संकल्पों की छाया!!
अश्रु ना उठे उस भवन से
जहां बनाया साज सैय्या!
चंद सिक्कों का ढाल बनाया
सिंच ना पाया वो बगिया !
संकल्पों की छाया!!-
चालक चले गति बढ़ावे
संग धारा कहाँ मूड़ पावे
मुड़त गिरत दर्पण दिखावे
ओढ़ रंगा कहाँ जग पावे
अहो अहो अब जाग पावे!!
-
क्या करने
क्या लेने आया
अहो !!
चमन
अमन
अहो आवागमन!!
थम सोच, रुक जरा
बुझे कोई जाला
फेरे कोई माला
पिबत कोई प्याला
चढे पगडंडी मद हला हल
अविरल अनंत लेने वाला
मना रोये अ-मन जागे
मुस्कुरावत वो लेने वाला!!-
चलत अनंत विचरत अनंता
जुड़े ताड़ सुनहईं मन संता
खेचत कर्मा बारांबारा
फेकत पासा बिन हु आधारा
कहइ संता सबहू तोहारा !!
-
Behold on Thy sound
The vow of silence
Hidden treasure of Thy unto;
Of a certain point unto that
Beholding on nothingness
Holding no form no shape
Thy wave Thy wave only!!-
बिरहा परे अश्रु चले
लकीर वो फकीर रें साधो
दिखत अनंत व्योम तले
अनुभूति लिपट रोम-रोम रें साधो
वैराग्य चले आधार विहे
वो हिन् तो सम भाव रें साधो!!
-
काव्य आत्मन रस यू
मिले आनंद अनुभूति ज्यों
ऐसी प्रीत लगी रे योगी
बिरहा मन रोवन लगी
व्याकुलता वियोग श्रींगार भरे
संयोग श्रींगार ज्यों तुझसे मिले!!-
छोड़त ना डोरी
पतंग उड़ान कब भर पावे !
रंगत, संगत उस दर्पण का
जाल स्व बुनत जावे !!
ज्यों ज्यों बहें किनारा
रंग, रंगत छुटत जावे!!
उतरत सागर में ज्यों
रहगुज़र दरिया मिल पावे!!-