जिंदगी की दौड़ में हार और जीत का फैसला हुआ।
हम हार के सौदागर हुए और खेल से किनारा हुआ।
हार कर बैठे हुए थे जिंदगी में एक और मौका दिया।
रूठे हुए थे जो भी मुझसे कह रहे हैं रूठे नहीं थ तुझको जरूर कोई धोखा हुआ।-
उम्र भर तलाश थी ' जबाब है आसान
कर्म ही है हर एक इंसान की पहचान!-
कल अपनी आंखों से देखि शिव और शक्ति का मिलन!
मन अभिभूत है मैं हो रही प्रसन्न।
निराकार का आकार से हो रहा सर्जन।-
अंधेरे में ही हम दिया जलाते हैंl
जो रोज लिखते हैं, उन्हें हम कहां पूरा पढ़ पाते हैंl
नमन है आज पितरों को।
कल से नवरात्रि प्रारंभ की आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।-
निर्लज्ज बनके चाकरी करनी, हमें नहीं आती।
मांग कर गाड़ीकी सवारी करनी हमे,नहीं आती।
जो कर सकती हूं बेहतर करने की कोशिश है हमारी।
मांग कर जागीरदारी हमें नहीं आती।-
तुम्हारे अलावा भी हैं हमारे चाहने वाले जमाने मे।
तुम हमारे हमसफर क्या हुए
समझ बैठे हम हासिल कर लिया।-
प्यार दुनिया की वो सब से बड़ी भुल है
जिसका हकिकत से कोई वास्ता नही होता
जिसके लिए हकीकत गौन (छुपना) और मौन बना रहता है-
झुकना नहीं है, मुझको शिक्षा चाहिए।
गुरुवर मुझे ज्ञान भिक्षा चाहिए।
5 सितंबर शिक्षक दिवस-
खुशियों के फूल खिले जीवन में यह हम सभी चाहते हैं।
मतलब ना हो तो हम कब किसे पहचानते हैं।।
खुशियों के फूल खिले जीवन में यह हम सभी चाहते हैं।
वफा की उम्मीद तो कर ली, अपने लिए अलग राह चाहते हैं।।
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