rishita मिश्रा   (Rishita मिश्रा)
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Joined 4 August 2019


Joined 4 August 2019
3 APR 2023 AT 11:34

जिंदगी की दौड़ में हार और जीत का फैसला हुआ।
हम हार के सौदागर हुए और खेल से किनारा हुआ।
हार कर बैठे हुए थे जिंदगी में एक और मौका दिया।
रूठे हुए थे जो भी मुझसे कह रहे हैं रूठे नहीं थ तुझको जरूर कोई धोखा हुआ।

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19 FEB 2023 AT 12:18

उम्र भर तलाश थी ' जबाब है आसान
कर्म ही है हर एक इंसान की पहचान!

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19 FEB 2023 AT 10:02

कल अपनी आंखों से देखि शिव और शक्ति का मिलन!
मन अभिभूत है मैं हो रही प्रसन्न।
निराकार का आकार से हो रहा सर्जन।

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25 SEP 2022 AT 21:50

अंधेरे में ही हम दिया जलाते हैंl
जो रोज लिखते हैं, उन्हें हम कहां पूरा पढ़ पाते हैंl

नमन है आज पितरों को।
कल से नवरात्रि प्रारंभ की आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।

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13 SEP 2022 AT 11:02

निर्लज्ज बनके चाकरी करनी, हमें नहीं आती।
मांग कर गाड़ीकी सवारी करनी हमे,नहीं आती।

जो कर सकती हूं बेहतर करने की कोशिश है हमारी।
मांग कर जागीरदारी हमें नहीं आती।

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10 SEP 2022 AT 22:50

तुम्हारे अलावा भी हैं हमारे चाहने वाले जमाने मे।
तुम हमारे हमसफर क्या हुए
समझ बैठे हम हासिल कर लिया।

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5 SEP 2022 AT 8:22

To teach according to time
in adverse situation.

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4 SEP 2022 AT 23:40

प्यार दुनिया की वो सब से बड़ी भुल है
जिसका हकिकत से कोई वास्ता नही होता
जिसके लिए हकीकत गौन (छुपना) और मौन बना रहता है

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3 SEP 2022 AT 21:00

झुकना नहीं है, मुझको शिक्षा चाहिए।
गुरुवर मुझे ज्ञान भिक्षा चाहिए।

5 सितंबर शिक्षक दिवस 

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3 SEP 2022 AT 11:41

खुशियों के फूल खिले जीवन में यह हम सभी चाहते हैं।
मतलब ना हो तो हम कब किसे पहचानते हैं।।

खुशियों के फूल खिले जीवन में यह हम सभी चाहते हैं।
वफा की उम्मीद तो कर ली, अपने लिए अलग राह चाहते हैं।।

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