रोते हुए जंगल मे जलते हुए पानी मे दो परिंदो बिछरे है मेरे इस कहानी में दीवानगी सर पे है और इश्क छुपाना भी है क्या यही होता है भड़ी जवानी मे मुझे मालुम था मेरा सिला होना है क्या? मुझ परिंदे की जान बस्ती थी एक शिकारी मे जलते हुए घर को देख एक ही दुआ मांगी मैने बस एक उसकी तस्वीर बच गयी हो मेरी अलमारी मे।
कितनों ने तोड़ा हमें, हम न जानें किस किस की ख़ातिर टूटे कितनी दफ़ा हैं, उसकी तारीफ़ लिखने बैठा तो कलम भी मेरी रूठ जाती हैं, और कहती हैं ऋषिकेश यादव तू बड़ा बेवफ़ा है😂😂😆😆।।