एक दिन तुमसे दूर जाकर,
सैकड़ों जमाने देखें हैं हमने...!-
I'm Rishi Anand (Goldi Babu) from Pratapgarh, Utter Pradesh. I'm a teacher at a private... read more
बड़ी हँसी आई मुझे खुद पर आज,
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मेरा दिया हुआ ड्रेश पहनकर,
वो किसी और से मिलने जा रही थी...!-
मेरे महबूब के दर से न,
कभी खाली मैं लौटा हूँ,
अभी-अभी मैं गया था,
और हाल ही में लौटा हूँ...!
ये जरूरी तो नहीं,
हर बार खुशियां ही मिले,
इस बार खुशी लेकर गया था,
और गम लेकर लौटा हूँ...!
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तुम मुझे बाहों से लगाओ या न लगाओ,
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मुझे दिल से लगाकर
मेरा इश्क मुक्कमल तो कर ही चुके हो...!!-
किसी से शिकायत करने से क्या मिलेगा तुमको...
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तुम जिसके नहीं थे, उसके हुए नहीं...
और जिसके लिए हो, उसके होकर रहोगे...!-
मायूस होकर आँखे नम मत किया करो,
गले लगाकर तुमको चुप कराने का दिल करता है...-
तुम्हारा हर इक आँसू, अपनी पलकों पर उठा लूँ...
तुम्हारे बिखरे ख्वाब को, अपनी खुशियों से सजा दूँ...
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गुजारिश है कि मत मायूस हुआ करो,
क्या पता मैं खुदा से रूठकर, दुनिया को आग लगा दूँ...-
कहते-कहते भूल जाऊँ अपनी बातें,
दिल का रास्ता भटक जाती हैं साँसे,
तुम सामने हो तो पलकों का झपकना मुमकिन नहीं होता,
बड़ी ही मखरूर है तुम्हारी आँखे,
मेरे दिल का सरूर है तुम्हारी आँखे...!
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अब मुझे नहीं जरूरत दवा न दुआं की,
अब तो तुम्हीं मेरे हक़ीम,
तुम्हारी मोहोब्बत मेरी दुआं...
और मेरे जख्मों पर
तुम्हारी फिक्र दवा का काम कर रही है..!-