Rishi Anand Pratapgarhi   (ऋषि आनन्द (Diamond))
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Joined 28 February 2021


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13 NOV 2022 AT 14:17

एक दिन तुमसे दूर जाकर,
सैकड़ों जमाने देखें हैं हमने...!

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10 NOV 2022 AT 9:58

बड़ी हँसी आई मुझे खुद पर आज,
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मेरा दिया हुआ ड्रेश पहनकर,
वो किसी और से मिलने जा रही थी...!

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1 JUN 2022 AT 12:03

चलो कर डाले सब काम अभी

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31 JAN 2022 AT 18:18

मेरे महबूब के दर से न,
कभी खाली मैं लौटा हूँ,
अभी-अभी मैं गया था,
और हाल ही में लौटा हूँ...!
ये जरूरी तो नहीं,
हर बार खुशियां ही मिले,
इस बार खुशी लेकर गया था,
और गम लेकर लौटा हूँ...!

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31 JAN 2022 AT 12:07

तुम मुझे बाहों से लगाओ या न लगाओ,
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मुझे दिल से लगाकर
मेरा इश्क मुक्कमल तो कर ही चुके हो...!!

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30 JAN 2022 AT 19:20

किसी से शिकायत करने से क्या मिलेगा तुमको...
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तुम जिसके नहीं थे, उसके हुए नहीं...
और जिसके लिए हो, उसके होकर रहोगे...!

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30 JAN 2022 AT 19:12

मायूस होकर आँखे नम मत किया करो,
गले लगाकर तुमको चुप कराने का दिल करता है...

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30 JAN 2022 AT 19:06

तुम्हारा हर इक आँसू, अपनी पलकों पर उठा लूँ...
तुम्हारे बिखरे ख्वाब को, अपनी खुशियों से सजा दूँ...
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गुजारिश है कि मत मायूस हुआ करो,
क्या पता मैं खुदा से रूठकर, दुनिया को आग लगा दूँ...

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30 JAN 2022 AT 14:59

कहते-कहते भूल जाऊँ अपनी बातें,
दिल का रास्ता भटक जाती हैं साँसे,
तुम सामने हो तो पलकों का झपकना मुमकिन नहीं होता,
बड़ी ही मखरूर है तुम्हारी आँखे,
मेरे दिल का सरूर है तुम्हारी आँखे...!


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28 JAN 2022 AT 16:42

अब मुझे नहीं जरूरत दवा न दुआं की,

अब तो तुम्हीं मेरे हक़ीम,
तुम्हारी मोहोब्बत मेरी दुआं...
और मेरे जख्मों पर
तुम्हारी फिक्र दवा का काम कर रही है..!

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