Rishav Sinha   (ऋषभ सिन्हा)
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मुझे कुछ इस तरह मरना है जैसे लिखते लिखते स्याही ख़त्म हो जाती है!!!
Joined 1 April 2018


मुझे कुछ इस तरह मरना है जैसे लिखते लिखते स्याही ख़त्म हो जाती है!!!
Joined 1 April 2018
31 JAN 2023 AT 23:59

जैसे होता है प्यार किसी की छोटी छोटी बातों से,
ख़त्म भी ठीक वैसे हीं होता है !!!

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11 FEB 2022 AT 11:59


वो - मेरी ज़िन्दगी में बहुत दुःख है !

मैं - किसी को अलविदा कह कर भी घर ना पहुँच पाने का दुःख जानते हो ?



@rishav_sita_sinha ✍️— % &

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7 JAN 2022 AT 1:35

दोबारा लौट कर आया हुआ प्रेम
डाली से टूट कर गिरे अथवा सूँघ कर
छोड़ दिये गए पुष्पों की भाँति होता है,
जिन्हें इष्ट के चरणों में नहीं चढ़ाया जाता !!!

~ ऋषभ

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12 NOV 2021 AT 13:55

जिन लड़कियों के होंठ, गर्दन, सीने और जाँघों को छुआ जाता है बचपन में अनुचित ढंग से, वे हो जाती हैं मौन एक अरसे तक! साल दर साल उस घटना को ज़ेहन के एक कोने में दबाती आती हैं पर अक्सर वो ख़्याल आते जाते उनके ज़ेहन को नोचता रहता है, चिढ़ाता है जैसे नाख़ून कोई दीवार पर घिस रहा हो! वे फ़िर भी मौन रह, भीतर के शोर को सुना करती हैं और बस नफ़रत पालती रहती हैं उन वहशियों के लिए, बेपनाह नफ़रत !
मैंने अक्सर ऐसे वहशियों के घरों में बेटियों का जन्म होते देखा है !!!

~ ऋषभ

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8 NOV 2021 AT 16:27

मीरा जब भी मोहन को अपनी तस्वीरें भेजती थी वो हमेशा उसकी तस्वीरों को Black and White करके वापस भेज देता था ! मीरा ने एक बार तंग हो कर कहा " मोहन यह क्या बात हुई ? अच्छी ख़ासी रंग भरी तस्वीरों को तुम बेरंग कर के भेज देते हो ! ऐसा क्यूँ करते हो तुम ?"
मोहन ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, " मैं हर बार तुम्हारी तस्वीरों को Black and White करके देखता हूँ और हैरान रह जाता हूँ क्यूँकि रंगों से सजी तो पूरी दुनिया खूबसूरत लगती है पर जो बस दो रंगों में इतना खूबसूरत लगे वो सिर्फ़ तुम हो !
मीरा ने तुरन्त अपनी Black and White फ़ोटो instagram पर डाली और caption लिखा " मेरा सतरंगी प्यार उसके श्वेत और श्याम रंग से हार गया "
मीरा ने message कर मोहन से पूछा तुम्हारा ऐसा करने की कोई ख़ास वजह ?
मोहन ने भी कह दिया " बस बेवजह " !!!❣️❣️❣️

~ ऋषभ

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6 NOV 2021 AT 18:15

किसी ने तेरा नाम लिया,
और हम पलटे !
उस दफ़ा एहसास हुआ
की तेरे नाम से हम पुकारे जा सकते हैं !!!

~ ऋषभ

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4 NOV 2021 AT 0:54

मैं चाहता तो तुम्हें पीछे से आवाज़ देता,
तुम एक हथेली झटकते तो दूसरा पकड़ लेता,
मैं चाहता तो तुम्हारे आगे आकर तुम्हें रोक लेता,
मैं चाहता तो रोष दिखाता एक ज़ोर का दबाव देता और तुम्हे पीछे कर देता,
तुम्हें कसम देता
तुम्हारे वादे याद दिलाता,
ख़ुद को नुकसान पहुँचाने का डर भी दिखाता और
हर वो चीज़ करता जिसकी आख़री हद होती
तुम्हारा रुक जाना,
लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया
इसके विपरीत मैंने अपने कदम बढ़ा दिए
जबकि मैं चाहता तो रुक भी सकता था
तुम्हारे जाते हुए मुझे पलट के देखने तक के लिए,
तुम गए नहीं थे...मैंने तुम्हें जाने दिया था
तुम्हारे जाने में
मेरा जाने देना शामिल था !!!
💜💜💜
~ ऋषभ

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25 OCT 2021 AT 10:05

एक उम्र के बाद प्रेम करना उतना हीं जटिल हो जाता है,
जितना एक उम्र से पहले पल्ला ओढ़ लेना !!!

~ ऋषभ

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22 SEP 2021 AT 9:48

मैं किताबों से प्रेम करता हूँ। इसमें मैंने ना ही कुछ बहुत नया कह दिया ना ही कुछ बहुत अनोखा। मैंने बस एक सच्चाई कही है। मेरा किताब पढ़ना किसी प्रेमी की अपनी प्रेमिका से मिलना और घंटो बातें करना जैसा हैं। बस एक कारण से, और वो है कि मुझे किताब के साथ बिताए वो सब लम्हें याद रहते है जैसे एक प्रेमी को अपनी प्रेमिका के साथ बिताए। शायद मुझे सब पढ़ा भी इसलिए याद रहता है कि अपनी प्रेमिका की बातें कौन बुद्धू भूलेगा?
और शायद इसलिए मैं इंसानो की भी सब बात याद रख पाता हूँ। शायद मैं हर इंसान को एक किताब की तरह ही देखता हूँ, इसलिए मुझे उनकी सारी बातें याद रह जाती है। शायद !

वैसे, हाँ, किताबों से बड़ा प्रेम है मुझे !!!

~ ऋषभ

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19 SEP 2021 AT 12:26

" दो पहिये "
☸️☸️

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