नींद सोती रहती है
हमारे बिस्तर पे..
और हम टहलते रहते हैं
तेरी यादों में...-
Follow me if u like my words ..
मैं हवा के गुनाह के बद... read more
बेवफाओं की शहर में शायर बना
दर्द कागज पर कैसे पिरोए ये पता भी ना चला
बरसो बीते सीने में दबे जख्मों को फिर खुरेद रहा हूं
देखो ना आज फिर तुम्हारे लिए कुछ लिख रहा हूं।-
इस दिल से बेबस नही, दुनिया में कोई चीज ...
तभी तो धड़कता है , किसी कि याद में या फ़रियाद में
यूं तो अनेक वज़ह हैं पास मेरे ,तुमसे गुफ्तगु न करूँ...
पर अब इस बेबस दिल का क्या करूँ..।।।।
-
किसे पता था मोहब्बत इस कदर वार करता है...
दिल जानता है की वो दुर है, फिर भी प्यार करता है...
-
काश दिल से दिल की कोई दूरी नहीं होती..
काश कोई मज़बूरी भी नहीं होती..
यूं तो पास आने की तमन्ना तो बहुत है
लेकिन कहते हैं ... हर तमन्ना पूरी नहीं होती||-
क्यों मेरी हर नज़र में बसे हो तुम...
क्यों मेरी हर कलम पर लिखे हो तुम...
क्यों तुम्हें सोच लुं तो शायरी ना लिख सकुं ..
क्यों मेरी हर वो ख्याल हो तुम...
-
यादों की बारात अब निकल चुकी है...
दरदो की शहनाई अब मधुर हो रही हैं....
छोड़ गया जो बीच सफ़र में... आज फिर
उनके लिए आंखे नम हो रही हैं ...-
दिल भी हैरान हैं कि ये माज़रा क्या है..
जख्मों में नमी ,होठों पे हँसी आख़िर ये हादसा क्या है..-
बेवफाओं की महफ़िल जब सजने लगी...
उनको सोचा और मेरी कलम मुस्कुराने लगी...-
लेकिन अब मैने उन सभी राहों से मुहमोड लिया..
जो मुझे सिर्फ ओर सिर्फ तेरी ओर ले जाया करती थी.-