वो सावन में पहली बारिश की ठंडी फुहार सी है, आँखे उसकी मद भरी, उसकी कमर बलखाती ज्वार सी है, ऐसा है वो अंगार सी है। वो खूबसूरत भी है वो ख़ूबसीरत भी है अरे यूँ कह लो वो इश्क़ के ऐतबार सी है।।
उसे बेपरवाही में बहकते देखा हैं, उसको बच्चों सा चहकते देखा हैं, वो चमकती चाँद सी है हर महफ़िल में, मगर मैंने उसकी मुस्कुराती आँखों को भी तड़पते देखा हैं, उसको अपनी ख़ैरियत बताने में बिखरते देखा हैं।।।