शायद ये खूबसूरत चांद छिपने वाला है इन घने बादलों में, पर मुझे क्या...? क्यों फ़िक्र करूँ मै उस चाँद की, जब मेरा चाँद मेरे पास है, वो चाँद मेरे लिए कुछ भी नहीं शायद पर मेरा चाँद मेरे लिए खास है...!
फिक्र तो है तुम्हारी लेकिन... बताना नहीं चाहता जताना नहीं चाहता दिखाना भी नहीं चाहता, सच तो यह है कि अगर तुम दुखी हो तो मैं भी.... मुस्कुराना नही चाहता...!
मैं तूफानों में चलने का हुनर जानता हूं सफ़र बेहद कठिन है ये मानता हूं, आसान नहीं है मंजिल की राह मैं ये बात बखूबी जानता हूं भरोसा है खुद पर कि पहुंच जाउंगा, मैं ख़ुद को बहुत अच्छे से पहचानता हूं..!