जो लोग आदर्श पढ़कर
खुद को महान समझते हैं,
शायद उन्हें ये पता नहीं की
आदर्श पढ़ने के बाद
खुद में उतारना होता है।— % &-
rishabh_patel_864
तुमसे लिखकर कोई बात नहीं कहनी चाहि
तुमने शब्दों को नहीं हर बार मुझे पड़ा है।-
बहुत सारी कमियों की दुकान हूँ मैं
पर मांँ की चेहरे की मुस्कान हूँ मैं ,
मेरी सारी कमियों में
उन्हें खूबियां नजर आती हैं ,
इसीलिए मांँ ही ईश्वर का रूप मानी जाती है।
-
जीवन उन सिद्धान्तों का नाम है
जिसे जानते सब हैं
पर खुद में उतारते बहुत कम।-
एक शख्स की मुझसे
रोज एक शिकायत होती है
वो मेरे संग तो होता है
पर वो मुझसे बातें नहीं करता।-
कुछ पा लिया तो हम जीत गए,
कुछ खो दिया तो हम हार गए,
कुछ खोने कुछ पाने से
ऊपर था हमारा जीवन ,
ये समझ आपको
आपकी अवस्था से ऊपर ले जाएगी।-
मैं बहुत कोशिश करूं फिर भी
मेरी एक कोशिश अधूरी रहेगी
मैं कितना दूर भी चला जाऊं तुमसे
पर तुम मुझमें कहीं पूरी रहोगी।
-
कोई समझने वाला होता
ये मलाल कल मन में था
आज तुम हो तो ये बात कल की है।-