धूएं की चिंता सबको है..
पर क्या आग में जलाकर राख हो गया
कोई पूछता तक नही...-
रोती रहती है रात भर खुशबू तेरी
तेरे होने के एहसास में...
दम घुटता है यहां
इस अनजाने अवकाश में...-
Who am I?
searching for deep divine
Who am I?
Calm and composed
but shouting in the mind
Who am I?
Clear outside but doubtful behind
Who am I?
Searching and searching
That raised question in my mind...-
Your hard work story will be flop
until a victorious life knocks on your door-
डर लगता है मुझे...
दुनिया से नही अपने आप से
बातें करता हूं...
दुनिया से नही अपने आप से
ये मेरा खुद को इतनी तवज्जों देना
मुझे परेशान कर देता है..
मैं खुशियां बाटता हूं
खुद के लिए नहीं दुनिया के लिए
मैं क्यों खुद के बारे में सोचकर
मतलबी नही बन पाता
क्यों तकलीफ देता हूं
दुनिया को नही अपने आप को...
-
खिड़कियों पर रोशनी की दस्तक के साथ दिन की शुरआत हुई
पर मन अब भी उस अंधेरी रात पर अटका है
जहां मैं खुद के साये से परेशान था...-
हम बात को खीच कर बात बढ़ाते है
और फिर खुद ही कहते है पानी सर के ऊपर चला गया
-