कहीं पहुँचने के लिए
कहीं से चलना बहूत ज़रूरी होता है ॥-
Rishabh K
(गुम नाम)
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अल्फाजों पर पड़ा पानी
Joined 21 March 2020
12 DEC 2021 AT 13:58
क़िस्मत तेरी ख़ैर नहीं अब, फिर से उड़ान भर ली है ।
तब तेरे सहारे बैठे थे,
अब तुझ से बग़ावत कर ली है ॥
क़िस्मत तेरी ख़ैर नहीं अब ..-
12 DEC 2021 AT 13:28
गर्दिश में है रास्ते, या रास्तों में गर्दिश है
खुदा जाने
मगर, देखा है मैंने
मंजर बहूत ख़ूबसूरत है
मेरे मुक़ाम का ॥-
11 DEC 2021 AT 17:44
ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव होते हैं, हमारे
वो ऐसी ही है
तो कभी परेशान मत होना
जो भी आज है आपके साथ, वो कल नहीं रहेगा
.
उसमें एक Failure भी है ॥-
10 DEC 2021 AT 20:04
हम ही बेवफ़ा थे, हमारे क़िस्से में
वे तो आज भी है वफ़ा में
किसी और के साथ
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26 OCT 2020 AT 15:58
ख्वाहिशों का सफर,
कहां ले आया मुझे,
.
मैंने जिसको पीछे छोड़ दिया,
मंजिल वही तो थी।।
.-
19 OCT 2020 AT 18:47
जला है जिस्म जहां !
दिल भी जल गया होगा।
.
कुरेदते हो जो अब राख
जुस्तजू क्या है।।
- मिर्जा गालिब-