सहा हैं जो मैंने सिर्फ में ही जानती हूँ,
लोगों को तो मेरा ग़म भी मज़ाक लगता हैं ।।-
Yeh shaam aab mera nuksaan nahi karti,
Lekin phir bhi,
Mera jeena yeh aasaan nahi karti.
Maine kitni dafah iss mein apna dil gawaya hai,
Naa leti hai jaan aur wapis jaan bhi nahi karti.-
हो मेरी जरूरत तुम, हो मेरी इबादत तुम
हूँ गिरफ्त में लिपटी दिल के, हो मेरी जमानत तुम,
हो साँस के जैसे तुम, हर आस के जैसे तुम
हो बाँहों का जरिया मेरे, हो मेरी अमानत तुम,
सब कुछ मेरा तो तुम ही हो, है सब कुछ तुमसे ही
ना माँगुँ रब से कुछ भी, बस मेरी इक चाहत तुम।।-
Itna yaar karne ke baad bhi kyu vo kabhi lauta hi nahi,
Raasta mushkil tha ya Ishq ne use kabhi chhua hi nahi...-
बेचैन हैं दिल मेरा बिन तुम्हारे
उगता नहीं कभी दिन बिन तुम्हारे,
दिन काट लेते हैं जैसे भी करके
कटती नहीं ये रात बिन तुम्हारे,
तुझसे ही तो चलती है ये जिंदगी मेरी
चली ना जाये कही जान बिन तुम्हारे ।।
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पीर लिखों तो मीरा जैसी,
मिलन लिखों कुछ राधा सा ।
दोनों ही हैं कुछ पूरे से,
दोनों में ही वो आधा सा ।।-
ले ले नाम श्याम का...
पिरोऊँ प्रेम के धागे..
पिया बिना अधूरी मैं ,
बस उन संग मन यह लागे ।।
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Sitam toh aisa hai ki hum usse
chhu bhi nhi sakte,
Badi tamanna hai jisko gale lagane ki....-
मैं और मेरा नसीब दोनों ही बदनसीब हैं,
महोब्बत भी ऐसी हुई कभी ना मिलने वाली ।।-
क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के,
कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के.
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