Rinku Deora   (देवड़ा)
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Joined 19 September 2019


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Joined 19 September 2019
16 SEP 2021 AT 17:46

1. हथियार को हमेशा सुरक्षित दिशा में इंगित करें कभी भी किसी पर हथियार न डालें
2. कार्रवाई को खुला रखें और हथियार को तब तक उतारें जब तक आप इसका उपयोग करने के लिए तैयार न हों
3.सभी हथियारों को लोड के रूप में व्यवहार करें
4.लोड किए गए हथियारों को कभी भी परिवहन या स्टोर न करें
5.कभी भी दोषपूर्ण हथियारों का प्रयोग न करें
6.बिना अनुमति के किसी अन्य व्यक्ति के हथियारों को कभी न छुएं
7.हथियार सौंपते या इस्तेमाल करते समय कभी मजाक न करें
8.यदि आप किसी भी समय असुरक्षित व्यवहार देखते हैं जब हथियारों को संभाला जा रहा है या इस्तेमाल किया जा रहा है तो तुरंत बोलें और असुरक्षित व्यवहार को ठीक करने के लिए कार्रवाई करें
9.शूटर को रेंज कमांड का पालन करना चाहिए
10. रेंज अधिकारी द्वारा आदेश दिए जाने के बाद ही शूटर को लेन पर कब्जा करना चाहिए
11.कॉम्पिटिशन के दौरान जब शूटर फायरिंग पॉइंट से बाहर आ रहा हो तो शूटर को रेंज ऑफिसर से अनुमति लेनी चाहिए और हथियार की कार्रवाई खुली रखनी चाहिए
12.जब शूटर फायरिंग पॉइंट पर हो तो उसे दूसरे निशानेबाजों को परेशान नहीं करना चाहिए
13.केवल निर्दिष्ट क्षेत्र में अभ्यास करने की अनुमति है







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1 AUG 2021 AT 14:10

गुजरी रात कुछ दिल मे ख्याल फला
की ना हो दोस्त तो क्या हो सिलसिला
तो कोन खुशियो को दुघना बनाता
फिर कोन गमो को सीने से लगाता
किसके साँथ खुद को बाटते
और कोन पुरे हक से डांटता
कही क्या अकेलापन ख़तम होता
कौन बस थोडी और देर के लिए रोकता
कौन बेझिझक सही गलत में टोकता
किसके साथ लम्बा वक्त़ पलो में कट जाता
ना होते दोस्त तो जीवन कितना सिमट जाता

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23 JUL 2021 AT 10:53

तस्वीरों में कैद नहीं करने मुझे अब लम्हें
काश जा कर खुद किसी तस्वीर में कैद हो सकूँ,
वरना बिना तुम्हारे इन वादियों, नदियों
इन शामों में कैद करने को रखा क्या है???

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20 MAY 2021 AT 13:01

Remember, it doesn't matter how deep into a posture you go.. what matter is who you are when you get there...

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6 MAY 2021 AT 12:59

इन्हीं वादियों पे फिदा हूँ मैं,
और लोग कहते है कि आवारा हूँ मैं...

कि बसेरा मेरा, आसरा मेरा अब यहीं,
उस पहाड़ की चोटी और इस झील का किनारा हूँ मैं...

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3 MAY 2021 AT 11:47

मैं इश्क़.लिंखू तुम उदयपुर समझना...
मैं सुकुन लिखूं तुम अम्बराई धाट समझना..

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1 MAY 2021 AT 12:19

अरावली के असीम स्नेह एहसासों में आज मुझे खोने दो,
स्वंम को भुलाकर इसका अंस होने दो,
बहुत जाग ली शहहरों की चकाचौंध रात में,
मैं अब हन हसीन वादियों में सुकून की नीद मुझे सोने दो..

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30 APR 2021 AT 17:30

अपने सपनो को एक पिटारे मे कैद कर, कुछ पल का सुकून ढूँडने आहिं हूँ, मै अपने बचपन को याद करने, फिरसे अपने पहाड़ आहिं हूँ...

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30 APR 2021 AT 12:47

कुछ तो बात है इन पहाड़ो में, यूं नहीं रुक जाने को दिल चहता है, एक खामोशी सी है इन वादियों में, कभी हम खुद को ढूढंते है इनमें, और कभी बस खो जाने का मन करता है इसकी बाहों में...

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28 APR 2021 AT 12:34

अघुरा किस्सा लिख पन्ने मोड आयी हूं, लगता हैं खुदका एक टुकड़ा पाहाडों पर छोड़ आयी हूं..

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