Rinku Adhiyol   (Rinkal)
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Joined 4 August 2020


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18 JUL 2022 AT 16:02

कहते तो सब है,प्यार मुझे भी है तुमसे
पर आपका मुझे ये कहना की
"मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।"
मुझे ज्यादा अच्छा लगता है

वैसे बातें तो सारी अच्छी होती है
पर मुश्किल वक्त में,
"मैं खड़ा हूं तुम्हारे साथ।"
ये सुनना ज्यादा अच्छा लगता है।

आज के दिन भी पास नही है,
बात ये खलती तो बहोत है,
लेकिन साथ होंगे बहोत जल्द
ये खयाल ज्यादा अच्छा लगता है।

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16 JUN 2022 AT 16:38

When someone says

सरकारी नौकरी में तो जलसा ही जलसा होगा।

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21 MAY 2022 AT 20:17

इशारों का खेल क्या खेल रहे हो,

निगाहों का खेल काफी नही?

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21 MAY 2022 AT 20:15

निगाहों के खेल में
अक्सर मात खा लेते है

बात होती है सिर्फ नज़र मिलाने की
और हम नासमझ दिल दे बैठते है।

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13 MAY 2022 AT 13:39

फैलाके पंख उस नील गगन में, ऊंचा उड़ना सिखाते है,
फिर ख़ुद ही पर कुतरकर, ज़मीन पर फिंकवा देते है।
कभी डांट डपटकर, तो कभी बहला फुसलाकर
सपने दिखाते हजारों, फिर ख़ुद ही के हाथो तुड़वा देते है।

डरते थे जब अकेले कदम रखने को, तब हाथ पकड़ संभाल लिया करते थे।
आज दौड़ना तक सिख गए, तो बेड़ियां डाल दिया करते है।

यकीन खुद पर था नही, तब हौंसला बुलंद किया करते थे।
आज खुद का महल खड़ा करना चाहा, तो पायदान से ही गिराने लग गए है।

साथ आगे बढ़ने को कहते थे जो, आज खुद पीछे हटने लग गए है,
खुश रहने का पाठ सिखाते थे जो, 'मेरे लिए मन को मार दो' कहके चले गए है।

कभी मेहनत से मिली नौकरी को छोड़, परिवार संभालने को जो गलत कहते थे,
आज उन्ही के उदाहरण देके, वो सही है, कहके हमें ही गलत ठहराने लग गए है।

हर आंसू एक कहानी है।
किसी की भूली बिसरी
तो किसी की मुंहजबानी है।

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15 APR 2022 AT 21:48

शब्द से ज्यादा कुछ नहीं है सफलता,
अगर वो किसी के काम ना आए।

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15 APR 2022 AT 21:40

दुनियादारी निभाने के चक्कर में
ना जाने कब ख़ुद से ही नाता टूटता चला गया।

एक अरसा हो गया ख़ुद से मिले हुए

ना जाने कब ज़िंदगी की रफ़्तार तेज
और जीने का उत्साह कम होता चला गया।

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15 APR 2022 AT 21:35

मेरी मानो तो अब हर किसीको अपने हाल पर ही छोड़ दो।
कब तक किसिकी बैसाखी बने फिरोगे।

आख़िर वो दिन भी आ ही जाएगा
जब तुम्हारा इस्तेमाल करके तुम्हें भुला दिया जाएगा।

मेरी मानो तो अब थोड़ा थोड़ा तुम भी स्वार्थी बनना सिख ही लो।

अंत में तो तुम्हे अकेला ही चलना है,
तब कोई तुम्हारे साथ थोड़ी ही आएगा।

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15 APR 2022 AT 21:28

कैद नही कर सकते तेरे जिस्म की खुशबू,
तुझे तसवीरमें कैद करके मन मना लेते है।

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14 APR 2022 AT 20:08

तर्क करना, हिम्मत रखना,
सबको अपने बराबर समझना,
कुछ भी हो जाए हिम्मत न हारना
अंबेडकर से सीखा निडर होकर जीना।

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