हम लौट जाएंगे हमेशा के लिए तेरी राहों से।
तू मेरे बिना खुश रहने का वादा तो कर।।
छुपा लेंगे हम खुद को तेरी इन निगाहों से।
तू बिना मेरे मुस्कुराने का वादा तो कर।।
तुम नहीं जानते कि,
मोहब्बत कितनी है तुमसे मुझे।
छोड़ जाएंगे सांसों को अपनी तेरी पनाहों में।
तू ता–उम्र मेरे बिना जिंदगी गुजारने का वादा तो कर।।-
#अधूरे_ख्वाबों_की_मुक्कमल_किताब
मैं वो तराशा गया हीरा हूँ...
जिसे मेरी माँ ने... read more
अगर सच में इस दुनिया में वफ़ा होती,
तो जरूरत कुकर,फ्रीज और नीले ड्रम की न होती।
पुराने जमाने–सी जो इंतज़ार वाली मोहब्बत होती,
तो शिकायत अपनेपन के भ्रम की न होती।
यूं तो किस्से हजार सुने है हीर–रांझा,सोनी–महिवाल के...
फिर बात यहां पर पहले और अंतिम क्रम की न होती।
मोहब्बत तो मोहब्बत होती है जो नेक और पाक होती है।
मिले न मिले जो सदियों तक महकती है...
आजकल–सी होड़...
मोहब्बत को जबरदस्ती पाने की श्रम की न होती।।
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उथल–पुथल जब अंदर हो।
कर्म कैसे फिर सुंदर हो।
आत्मिक शांति जो न हो मन में....
फिर कैसे मन स्थिर हो।-
चंचल करता है चितवन।
पैदा करता है उलझन।
इधर–उधर भटकाता है...
एक पहेली है ये मन।।-
अब यूंही तो नहीं हर किसी की बातों को दिल से लगाया जाएगा।।
कुछ बातों को सुन लिया जाएगा कुछ को भुलाया जाएगा।।
मगरूरियत न समझना इसे,इसमें मगरूरियत–सा कुछ नहीं...
बात बस अनुभव की है,इसलिए खुद को संभाला जाएगा।।-
मन हो बिल्कुल दर्पण जैसा।
दिल में हो पूर्ण समर्पण ऐसा।
अपनी कमी को दूर कर सको..
जीवन बने उदाहरण ऐसा।
इसलिए आत्मचिंतन कीजिए।
वो भी निरंतर कीजिए।
जिससे ज्ञान का हो प्रसरण ऐसा।
बुराइयों का हो संवरण ऐसा।
जीवन चरित्र ऐसा हो जाए..
कि बन जाए संस्मरण जैसा।।
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मेरी हर समस्या में समाधान–सी।
मेरे अक्श में छिपी मेरी पहचान–सी
मेरे सिर पर दुआओं की छाया रखती है।
मेरी माँ,मेरे लिए है भगवान–सी।।-
तुम्हारा एक लम्हा मुझे जिंदगी दे जाती है।
सच में,लम्हों की जादूगरी कहर ढाती है।-
मोहब्बत को तुमने चुराया है दिल से।
तुम्हे दूर जाने की इजाजत नहीं है...
तुम्ही को तो अपना बनाया है दिल से।।-