जिससे प्यार होता है
वो कभी नही मिलता
ओर जो मिलता है
उससे कभी प्यार नही होता-
रोती हूँ आज भी, मगर मैं आशु छुपाना सिख गई हूँ
हस्ती हूँ आज भी, लेकिन मैं मुसकुराना भूल गयी हूँ
दिल धड़कता है आज भी तेरे नाम से, मगर मैं तेरा नाम लेना भूल गयी हूँ
कितने एहसास बाकी है अब भी, यह महसूस करना भूल गयी हूँ
मिलना तो है तुझसे आज भी, मगर वो मिलने की वजह भुल गयी हूँ
प्यार तो है तुझसे आज भी, लेकिन मैं जताना भूल गयी हूँ
याद तो है तू अब भी, शायद मैं तुझसे भूलना ही भूल गयी हूँ-
मेरे शायरी के अल्फ़ाज़ हो तुम
तो सोचो कितने जरूरी हो तुम
मेरे लफ़्ज़ों के जज़्बात हो तुम
तो सोचो मेरे लिए कितने खास हो तुम
मेरे हर शब्द के मतलब हो तुम
तो सोचो मेरे लिये कितने बाते हो तुम
मेरे जुबानी के कहानी हो तुम
तो सोचो मेरे दास्तान हो तुम
मेरे जीने की वज़ह हो तुम
तो सोचो मेरे लिए मेरे हो तुम-
अपनाना भी नही चाहते गवाना भी नही चाहते
कितना इश्क़ है तुमसे ये तुम्हें बताना भी नही चाहते-
सवाल पूछता है दिल
आज क्यों सिर्फ मैं अकेली हूँ
आज क्यों सिर्फ मैं तन्हा हूँ
आज क्यों सिर्फ़ मेरे आखो में आँशु हैं
आज क्यों सिर्फ मैं छुप छुप के रोती हूँ
क्यों आज भी मेरे दिल मे किसी कोने में ही सही तुम आज भी जिंदा हो
क्यों आज भी मेरे हर लफ़्ज़ों के अल्फ़ाज़ तुम हो
क्यों आज भी मेरे सुबह से लेके रात का सफर तुम हो
क्यों आज भी मेरे दिल की धड़कने तुम हो
क्यों आज भी मैं अपने ज़ख्मो पे मरहम का सहारा तुम्हे ढूंढती हूँ
क्यों आज भी मैं तुम्हे नही भूल पायी हूँ
क्यों आज भी मैं तुम्हरे ज़िक्र से डरती हूँ
बताओ न कहा ढूंढू मैं अपने सवालो का जवाब?
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मुझे जिससे मोहब्बत है
उसे भी मुझसे मोहब्बत है
पर अफसोस कि बात यह है
वो किसी ओर की किस्मत में है
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जी चाहता है तुम्हे देखते ही रहे
अपने दिल मे तुम्हे बसाते ही जाए
यू तो बहुत दूर हो तुम मुझसे
अब प्यार है तो क्या करे
तुम्हे देखते देखते मर ही जाए-