बो अपने ज़मीर का सौदा नहीं करता
पेट की खातिर करना पड़ता है
यह बो दौर है साहिब
हक के लिए लड़ना पड़ता है
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वे वजह बेवफाओं को याद किया है
गलत लोगों में बहुत वक्त वरवाद किया है-
फिक्र-ए-रोज़गार ने______ फासले बढ़ा दिए.
वरना सब यार इकट्ठे थे अभी कल ही की बात है.-
कुछ लोग अपनी DP
इसलिए नही लगाते
क्योंकि उन्हें लगता है
के वे खूबसूरत नही है
पर क्या वे जानते हैं..
कि खूबसूरत शक्ल नहीं
विचार होने चाहिए
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कहीं बैठी वो मेरा जिक्र कर मुस्कुरा रही होगी..
ये हिचकी सुबह से यूँ ही तो नहीं आ रही होगी..
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सूरज हूँ ज़िंदगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा
मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊँगा
तारीख़-ए-कर्बला-ए-सुख़न! देखना कि मैं
ख़ून-ए-जिगर से लिख के वरक़ छोड़ जाऊँगा
इक रौशनी की मौत मरूँगा ज़मीन पर
जीने का इस जहान में हक़ छोड़ जाऊँगा
रोएँगे मेरी याद में महर ओ मह ओ नुजूम
इन आइनों में अक्स-ए-क़लक़ छोड़ जाऊँगा
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जग में आ कर इधर उधर देखा
तू ही आया नज़र जिधर देखा
जान से हो गए बदन ख़ाली
जिस तरफ़ तू ने आँख भर देखा
उन लबों ने न की मसीहाई
हम ने सौ सौ तरह से मर देखा
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तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना
शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना
☕सुप्रभात☕-