तुम्हें तो हर दुख बताया था जिंदगी का...
तुम्हारा तो हक नहीं बनता था ना दुख देने का....-
बहुत ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अक्सर खूबसूरत नजारे धुंधले हो जाते हैं।
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Hamari Eid to aapse hoti he ...
Aap dikho to Chand dikh Jaye...
Aur hamari Eid Mubarak ho jaye-
Na Aaj kal likhne ka man hota he ...
Na Aaj kal jyada hasne ka man hota he...
Na Aaj kal kisise bat kar ne ka man hota he..
Bas yuhi ulaj se jate he.. zindagi humse aur hum zindagi se...
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वो एक रिश्ता ...
ऐसा भी है...
जिसका कोई नाम नहीं...
फिर भी सदियों से राधा के संग कृष्णा का नाम मिटा नही..
बिना नाम के रिश्ते अक्सर सदियों से लंबे और अमर हो जाते है...
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तू है तो तेरे साथ कभी कबार जिंदगी अच्छे से जी लेती हूं.
कितनी ब्यूटीफुल है लाइफ! कह देती हूं ...
तू है तो कभी कबार खुलकर हंस देती हूं,
वापस से पहले जैसी रिद्धि हो गई हूं, ऐसा अपने आप को समझा देती हूं...
तू है तो कभी कबार आंखों के आंसू गिरा देती हूं..
लगता है कोई अपना है जो मेरा गम बांट लेता है.
वरना तो अपने आप ही रोककर दिलासा दे देती हूं...
तू है तो ऐसा लगता है जैसे, चलो ! कोई तो है जो मुझे सुनता है वरना तो खामोश सी रह जाती हूं..
अब तुम ही बताओ तुम्हारे दूर जाने के बाद से कैसे अपने आंसुओं को रोक पाती?
आपके लिए तो शायद और भी कोई जीने की वजह होगी पर मेरे लिए तो तुम हो ना ?-
बस हररोज आपका दीदार और आपसे बाते करना...
बस यूंही हरदम हररोज हमारी हो जाती है करवाचौथ...-
Kuch to bat rahi hogi hum..me
Jo abhi tak tum humse juda nahi ho paye...
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पैगाम भेज रहीं हू...
रुह से रूह का रिश्ता हम दोनो का
रूहानियत समझ लेना ...
शब्द कम है पर प्यार नही...
भावनाओ को समझ लेना...
हमारे रिश्ते का वैसे तो कुछ नाम नही है...
पर कुछ तो है राबता हमारा तुम्हारा यह बात समझ लेना..-
बेवजह बेपनाह..
इश्क से भी ज्यादा...
रुह से रूह तक का..
रूहानियत वाला इश्क किया है आपसे...
अब बोलो इससे ज्यादा क्या बताऊं ???-