साली ने जीजा को फूल बनाने का प्लान बनाया।
दूसरे नंबर से उसने चट जीजा को फोन मिलाया।।
बोली मेरे बच्चे को लेना है, आप के स्कूल में ही एडमिशन।
बस हुआ है 2 बार फेल, चाहे जैसे हो दे दो आप परमीशन।।
नहीं दोगे आप एडमिशन, तो कल घर आपके मैं आऊंगी।
पुराना है याराना अपना, ऐसा आपकी पत्नी को बताऊंगी।।
जीजा हो गए परेशान , हाय! आई ये कैसी समस्या भारी।
फेलियर लड़के को एडमिशन दूं, नहीं घर तोड़ देगी ये नारी।।
यही सोचते सोचते अचानक, जीजा के दिमाग में कुछ खयाल आया।
बोले हो जाएगा काम आपका, आपकी बातों में अपनापन नज़र आया।।
है कोयल सी आवाज आपकी, तो आप कितनी सुंदर होंगी।
सोच रहा हूं चाल होगी मृगनयनी जैसी, आंखे जैसे समुंदर होंगी।।
सुन साली डर गई अब तो, उल्टा दांव कैसे मुझ पर ही पड़ गया।
मैं तो बस मजाक कर रही थी, बोल उसका चेहरा शर्म से गड़ गया।।
जीजा बोल डरो नहीं साली जी, मैंने आवाज पहचान लिया था तुम्हारी।
फूल बन गई तुम खुद से ही, न थी मेरी अप्रैल फूल बनाने की तैयारी।।
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