घर के उस कोने में कोई नहीं जाता। अकसर कबाड़ या पुराने सामान उधर ढकेल दिए जाते हैं । हालात ये है कि कोने तक पहुँचने का रास्ता भी नहीं बचा है । मैं भी घर का यही कोना हूँ हर किसी को मुझमें समस्या दिखती है पर मेरे क़रीब कोई नहीं पहुँचता है ।
मोहल्ला है एहसासों का आस पास हैं ग़म और ख़ुशी का कुनबा कभी ग़म हथिया लेता है ख़ुशी का बरामदा कभी ख़ुशी भूल जाती है पड़ोस का कायदा ऐसे ही दिन यहाँ कटते जाते हैं डायरी के भरे पन्ने बढ़ते जाते हैं ।
पहले तुम्हारी आँखों से फिर तुम्हारी बातों से फिर तुम्हारे ख़यालातों से फिर जज़्बातों से और फिर तुम्हारी यादों से क्योंकि तुम तो कब का जा चुके हो फिर भी ये दिल है इश्क़ किये जा रहा है
मैंने दिल की बात करना छोड़ दिया । खुलेआम हँसना छोड़ दिया । अन्याय देख कर लड़ना छोड़ दिया । ये सब किया मैंने ज़िंदा रहने के लिए लेकिन मेरे दिल ने मायूस होकर धड़कना छोड़ दिया ।