इस दिल में उठ रहें है।
बयां किससे ये बात कहे,
कुछ समझ में आता नहीं।
कौन यहा अपना हैं,
कौन पराया हैं।
बिना लोगो को आजमा के,
दिमाक को समझ में आएगा नहीं।.. ऋचा-
लिखती अपने शौक से हूँ,देख कर मैं कोई शा... read more
अकेले बैठ कर,
खुद की ताकत की खोज करे,
नामुमकिन कुछ भी नहीं,
दिल में कुछ कर गुजरने का ख्वाब बुने।.. ऋचा-
तुम कभी रुकना नहीं,
रास्ते मिल जायेंगे,
तुम राह से भटकना नहीं।.. ऋचा-
पलके झुका के,
एक ख्वाब देखा है,
तेरे हाथों में,
अपना हाथ देखा।.. ऋचा-
तेरी ओर देख कर हम तेरे होगे,
तेरी नजर बेवफा थी जो हमारी होकर भी,
किसी और की हो गई।.. ऋचा-
जो बात वो अधूरी रह गई,
मेरी चुप्पी ,
तुझे सारी बातें कह गईं,
न शिकवा रहा न शिकायत,
तेरी हर बात इस दिल को छू गई।... ऋचा-
बिल्कुल नहीं चाहा तुझसे दूर जाना,
न चाहा तुझे कभी भूलना,
एक खाता हुई हमसे,
मुझे नहीं आया तुझे समझना,
तूने नहीं छोड़ा ,
हर कदम पर हमें सिर्फ आजमाना।..... ऋचा
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तखरीब हो गए,
हम प्यार को निभा के,
टूट कर बिखर गए,
हम रिश्ता निभा के,
अब दिल रोता है,
चहरे पर मुस्कान ला के,
ये कैसी कस्मकस हैं दिल दिमाक की,
बेवफाई पायी मैंने सब कुछ गवां के।
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