Richa Thakur   (Richa Thakur)
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Joined 13 August 2020


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Joined 13 August 2020
10 MINUTES AGO

कोई जब दिल दुखाता है तो तुम्हारी याद आती है

मैं ये नही कहूंगी कि मुझे तुमसे प्यार था या है कुछ बातों से अंजान रहना ही बेहतर होता है या यूं कहूं कि कुछ बातें मैं खुद को भी नही बता पाती।
सुनो ! तुम वो शख़्स हो जो मेरे जीवन में बहुत सारा परिवर्तन लाए। मुझे लोगों पर विश्वास करना सिखाए, मुझे प्यार करना सिखाए। तुम ही वो पहले शख़्स हो जिस पर मैं इतना विश्वास कर पाई। मुझे ऐसा लगता था/है कि तुम्हारे साथ रह कर मैं जिन्दगी जी सकती हूं। बाकी ज़िंदगी कट तो रही ही है और धीरे धीरे गुजर भी जायेगी।
जिंदगी काटने, जिंदगी गुजारने और जिंदगी जीने में बहुत फर्क होता है।
खैर , इन सब बातों का अब कोई मतलब नही है और मैं इसे अब दोहराना भी नही चाहती। बस इतना कहूंगी तुम सा न कोई था न है और न ही होगा ख़ास कर मेरे लिए।

तुम्हारे बाद भी लोग आएंगे, जायेंगे लेकिन तुम्हारी जगह कोई नही ले पाएगा और न ही मैं किसी को देना चाहूंगी।
लोगों का वर्तमान में रहना भी तुम्हारे अतीत से फीका लगता है। तुम्हारी यादें, तुम्हारी बातें, तुम्हारा अपनापन, तुम्हारा hidden care किसी और के साथ मुझे सहज नही होने देता। और न ही मुझे किसी से वो care वो अपनापन मिल पा रहा है।
बस इतना ही कहूंगी जब कोई दिल दुखाता है तो तुम्हारी याद आती है।

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29 APR AT 22:25

आराध्य के दरबार
की ओर..❤️🙇🏻‍♀️🙏🏻

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16 APR AT 21:42

कैसे होंगे और
कहां रहते होंगे
नही पता मुझे
मेरे प्रियतम का
ठिकाना

फिर भी दिनचर्या
में शामिल हो गया
है रोज़ एक पत्र
लिखकर डाकखाना
छोड़ आना।

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12 APR AT 18:29

सुनो प्रेमिकाओं...

मत मांगना तुम अपने
प्रेमियों से कभी महंगे
महंगे उपहार
अगर तुम्हें मांगना ही
होगा तो तुम मांगना
जीवन भर के लिए
उनका साथ
उनसे थोड़ा सा प्यार
थोड़ी सी परवाह
ढ़ेर सारा इज्जत और सम्मान

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12 APR AT 10:23

इंसान के चेहरे में नही
बल्कि उसके सोच में
उसके विचार में
उसके व्यवहार में
सौंदर्य की करो तलाश
खेल और खलिहान में
पर्वत और पहाड़ में
धरती और आसमान में
खुले मैदान में

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11 APR AT 22:10

सुनो प्रेमियों...

मत करना तुम
अपनी प्रेमिकाओं
को अपने पर
निर्भर
उनको स्वतंत्र और
आत्मनिर्भर बनाना
ताकि वो लड़ सकें
अपने जीवन की
लड़ाई।

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10 APR AT 19:29

इंकार न कर दूं
तो कहना

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9 APR AT 15:05

फिर एक
अनुच्छेद दर्ज
हुआ हमारी
कहानी में

इस बार भी
तुम बिना
मिले वापस
चले गए।

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8 APR AT 13:02

मुझे तो उस दिन का
बेसब्री से इंतज़ार है
जिस दिन पंडित जी
मंत्र पढ़ते पढ़ते बोलेंगे
आज से तुम दोनों
पति - पत्नी हुए
और हम दोनों
एक दूसरे को
देखकर हौले
से मुस्कुरा
देंगे।

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6 APR AT 23:36

जब हमें जरूरत होती है कि कोई हमें समझे तो दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति नसमझ हो जाता है वैसे हर कोई समझदार और ज्ञानी होता है। जब हम चाहते हैं कि कोई हो जो हमें सुने तो किसी के पास वक्त नही होता है।
जब हम किसी पर depend होना चाहते हैं तो लोग हमसे दूर भागने लगते हैं। इसलिए आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी होता है लोग आपके साथ तब तक रहेंगे जब तक आप उनके अनुसार चलेंगे जिस दिन से आप अपने विचार को महत्व देना शुरू करेंगे। भीड़ धीरे धीरे अपने आप कम हो जायेगी और अंत में आप अकेले रह जाओगे।
कोई कितना भी ख़ास हो लेकिन उससे भी ज़्यादा उम्मीद लगाना खुद के लिए ही घातक है।
खुद को समझिए, खुद के साथ वक्त गुजारिए, सकारात्मक रहिए, strong बनिए जीवन आसन लगेगा। बाकी लोग तो हैं ही demotivate करने के लिए।

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