मुझे मेहरूम रहने दो, ज़माने की इन तरीकों से,
इन तरकीबों से,
इन तारीफों से,
इन तमाम दलीलों से,
क्यूकी मेरे तर्क ये सब ख़ारिज करते हैं।
है कोई मेरी बेतकल्लुफी का मर्ज़,
तो तबीब बता दे कोई!
और फिर भी ना मिली कोई दवा,
तो तू तकल्लुफ ना करना ,
मुझे तन्हा ही छोड़ देना, इस मेहरूमीयत मे!
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lying next to me he said what kind of a lover you are?
A dumb and a deaf lover
dumb because unable to express.
As words are misleading and not enough.
deaf because I don't believe what you say.
Efforts you put in , says that all .
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कई लोगों की शिकायते रखी हैं मैंने अपने पास
कई दफा सोचा, जिनसे शिकायते हैं उन तक पहुचा दूँ
उलझे हुए मन को, मै भी आज सुलझा लूँ!
बस इसी खयाल मे रात गुजर गई,
बतें जैसी थी वैसी रह गई।
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ज़रूरी तो नहीं
साथ निभाने के लिए, हाथ पकड़ना जरूरी तो नहीं।
वफ़ा के लिए वादे करना जरूरी तो नहीं।
रुह छूनी हो अगर, तो जिस्म छूना जरूरी तो नहीं।
ख्वाब- ए- उल्फत है अगर, तो साथ तेरा जरूरी तो नहीं।
रीवायतो के कठघरे मे हो इश्क़ मेरा, जरूरी तो नहीं।
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Maan hume mohabbat karna nhi ata..
pr ye btao tumne bewafaai kahaan se seekhi..!!-
मोहब्बत है, पर अब इजहार कौन करे!
एक बार दिल टूट चुका है, अब दुबारा प्यार कौन करे!!
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