मुझको लगता था की सबको लेकर साथ मैं चल सकता हूँ
मुझको लगता था सबका थामे हाँथ मैं रख सकता हू
पर साथ रखना सबसे इतना भी आसान नही
कोई छोड़ देता है किसी को छोड़ना पड़ता है
कोई रुख मोड़ लेता है किसी से मोड़ना पड़ता है
यूँ ही उम्र भर निभ जाने वाले रिश्ते नही मिलते
दिल खिलौना समझ के हर कोई तोड़ देता है-
Thoughts happen.
Feelings happen.
Sense perceptions happen.
I am❤
ये बेचैनी कैसी है
ये उलझन क्यूँ है
ये अजीब सी व्यथा में मेरा मन क्यूँ है..
सब कुछ तो है हासिल है मुझको..
फिर अजीब सी राहों पे खड़ा मेरा जीवन क्यूँ हैं..-
" तुमने दुयाएं मांगना छोड़ दिया है क्या..
तुमने सच मे मेरा दिल तोड़ दिया है क्या..
मुझे आज भी लगता है नज़रें मेरी तरफ़ हैं तुम्हारी..
तुमने सच में मेरी ओर से मुख मोड़ दिया है क्या... "-
मैंने देखा है औरों के साथ भी चल के..
मैं अकेले बहुत मस्त रहता हूँ..-
" तुमसे मेरी बात होते ही..
हाँथों में तेरा हाँथ होते ही..
ये चाँद कहाँ चला जाता है..
हर रोज़ रात होते ही..
हर शाम को दिखता है मुझको..
उस तारे के साथ मे ही..
फ़िर गुम जाता है जाने कहाँ..
इस शाम की रात होते ही..
तुमसे मेरी बात होते ही..
हाँथों में तेरा हाँथ होते ही.. "-
" तुमसे मेरी बात होते ही..
हाँथों में तेरा हाँथ होते ही..
ये चाँद कहाँ चला जाता है..
हर रोज़ रात होते ही..
हर शाम को दिखता है मुझको..
उस तारे के साथ मे ही..
फ़िर गुम जाता है जाने कहाँ..
इस शाम की रात होते ही..
तुमसे मेरी बात होते ही..
हाँथों में तेरा हाँथ होते ही.. "-
खुद को खुद की नज़रों से देखो..
और फिदा हो जाओ..
खुद से इश्क़ करो..
औरों से जुदा हो जाओ...-
खुद को खुद की नज़रों से देखो..
और फिदा हो जाओ..
खुद से इश्क़ करो..
औरों से जुदा हो जाओ...-
दिल लगाने से लेकर उम्मीद लगाने तक..
सब छोड़ दिया है मैने..
कोई और ना तोड़ सके अब दिल..
खुद ही तोड़ लिया है मैने..-
सुनो..
मेरी हँसी पे ना जाना..
मेरी आँखों ने आँसू छुपाए बहुत हैं..
मैं मुस्कुरा के जीती ज़रूर हूँ..
पर रास्तों मे ठोकर खाए बहुत हैं..-