Richa Malviya  
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Joined 20 August 2020


Joined 20 August 2020
28 MAY 2021 AT 11:49

अकेले खुश रहकर जीना

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23 APR 2021 AT 5:55

आखिर दिल ने दम तोड़ ही दिया, लेकिन जिंदा तो ये पहले भी न था...

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15 FEB 2021 AT 11:02

सोचा आइना दिखाऊँ एक बार खुद को फिर से
हवा के रुख़ के साथ बहा ले जाऊँ खुद को फिर से
कमज़ोरी तो नहीं, बस अदा है ये
खुद को पाने की फिर से

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10 FEB 2021 AT 11:56

है तिमिर यहाँ घना,क्या सोचता खड़ा खड़ा
तू ज्वार है तू ही समुद्र तू ही यहाँ प्रसार कर
तू ही अथक-अलग है तू, तू सिंह सी दहाड़ कर

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8 FEB 2021 AT 13:31

दिल का दर्द कम नहीं होता, और इसका कोई मरहम नहीं होता

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