richa dugar   (richa dugar)
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Joined 20 February 2019


Joined 20 February 2019
28 APR AT 20:49

तू काली क्यों हैं ?
क्या , यह सुनती है , तू बार बार ?
रात ने मुस्कराते हुए कहा ,
"इसीलिए मैं शीतल हूं, शांत हूं और शायद... तन्हा ।"
मगर मैं सुकून में हूं, क्योंकि मेरे आने से ही तो ,
सुकून की नींद आती है,
जो हजारों सपनों को बुनती हे,
मैं सपने दिखलाती हूं ।
मैं काली नही , मैं आशा हूं ।


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28 APR AT 20:37

That
I am beautiful..


loving myself

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26 OCT 2023 AT 22:27

अपने आप को ना खो देना ,
आखिर तुम अनमोल हो ,अपनी चमक को न खोना ।।
क्या हुआ , अगर तुम्हारे आंसुओं की कीमत ,
किसी ने ना जानी ,
हो तुम अगणनीय ,
तुम्हारी कद्र करेगी दुनिया सारी ।।

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26 OCT 2023 AT 22:11

क्योंकि, पता नही किस रूप में आकर ,
नारायण मिल जायेंगे ।
सुनी अखियों में आकर , लाखों ख्वैश्यें भर जायेंगे ।।

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26 OCT 2023 AT 21:48

To pronounce to do something by not breaking someone's trust .

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26 OCT 2023 AT 21:45

Letting me slow down after a long day .

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9 MAR 2023 AT 22:17

Easily accessible with no limitations!!!

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9 MAR 2023 AT 21:22

क्या इसमें किसी को शक है ?

ख्वाइशों की उड़ान भरने में जो लगन है
क्या देखनी , किसी को इसकी झलक है।

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9 MAR 2023 AT 19:14

अंजान रास्ते ,
जहां साथ चले दबी चाहतें ।।

दबी चाहतों को दिया साथ
उन्होंने ,
जिन्हे न दिया हमने कभी अपना हाथ ।।

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9 MAR 2023 AT 7:13

what it takes to be woman of substance.

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