Richa Chugh   (rc_inkdiary)
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Joined 13 August 2018


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Joined 13 August 2018
29 MAR AT 14:43

I learn to be me unapologetically,
I learn to be okay being not okay,
I learn to take each day as it comes,
Because nothing else matters,
Nothing else makes sense,
I need to live happy and content,
Not for others but me, only me,
So I learn to be just me and only me.

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25 MAR 2021 AT 15:57

गुफ़्तगू करते हैं कुछ ऐसी,
ग़म भी झलकता है,
और आँसू भी भी बहते..

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12 DEC 2020 AT 23:29

Stop Talking
Isolate Myself
Write All the Thoughts

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12 DEC 2020 AT 23:26

In the loneliness of night,
I found the blissfull companionship of..
.
.
.
Myself

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11 AUG 2020 AT 22:13

एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो...
-राहत इंदौरी जी

ज़िंदगी को अपनी एक मिसाल बनाया,
जाने ने उनके, है यूँ सबको रुलाया..
सरलता से कैसे कह दे कोई दर्द को,
ये अंदाज़ उन्होंने सबको बखूबी सिखाया..

ऐसे महान कलाकार को शत शत नमन!

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3 AUG 2020 AT 2:37

यूँ तो बहुत लोग आते है जिंदगी में,
पर कुछ ही है,
जो यूँ दिल में जगह बनाते है,
सिलसिला शुरू कुछ बातों से हुआ,
और आज कई घंटे भी कम पड़ जाते हैं,
चाहे हो लुडो का खेल,
या करनी हो किसी की खिंचाई,
बिन बोले ही हम एक टोली बन जाते है,
एक दूसरे को समझाते है,
और मिल कर तीसरे को चिढ़ाते है,
मन नहीं लगता कोई एक हो गायब तो,
हर चीज दूसरे को दिखाने की जल्दी होती है,
रिश्ता शुरू तो जी जी से शुरू हुआ,
आज भाई और दी की जुगलबंदी होती है,
दूर है, कभी मिले भी नहीं,
पर आँख बंद कर भरोसा एक दूसरे पे है,
रिश्ता ये खून का नहीं,
शायद एक दूसरे की रुह से है...

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15 JUL 2020 AT 13:02

यूँ तो तन्हाई से हो गई है दोस्ती मेरी,
फिर भी दो पल साथ बीता लिया करो,
यादें तो बहुत हैं, जिनके खातिर जीता हूँ मैं,
कभी वज़ह कुछ नई, तुम भी बना दिया करो।

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2 JUL 2020 AT 5:10

उन ख्वाबों की जो पीछे छूट गए है, कुछ अपनों की जो कहीं रूठ गए है,
तलाश जारी है..

उन किस्सों की जो अधूरे ही सुने थे, अल्फाज़ जो कुछ अधूरे ही बुने थे,
तलाश जारी है..

उन रास्तों की जो कभी कटें नहीं, दर्द जो कभी भी मिटें नहीं,
तलाश जारी है..

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2 JUL 2020 AT 4:13

सपने तिनके तिनके अपने उधेड़ रहा हूँ मैं,
आगे बढ़ पिछले ज़ख़्म कुरेद रहा हूँ मैं,
अपनों की हँसी के खातिर ये आँसू कबूल किए,
जर्रा जर्रा खुदको ख़ुद ही तोड़ रहा हूँ मैं...!

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2 JUL 2020 AT 3:22

Amidst the darkness of despair,
Your confidence in me..
Was my light of hope..

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