मैं खुद से दूर जाती हूँ कभी कभी ,
खुद को समझने के लिए ,
अपने घर, अपनी दिनचर्या ,हर चीज से दूर जाती हूँ, क्यूंकि मैं दूर से देखकर अक्सर अधिक समझ पाती हूं ।-
Writer and storyteller for kids
उसकी बातें वो ही जाने,
जो हर परिस... read more
कभी कभी बस यूँ ही,
जब पायल पहन कर
खुद को संवारती हूं,
रुमझुम उसकी आवाज में,
अनायास ही,
छनक जाते हो तुम!-
लोगों से भरे घर, हर तरफ लोग ही लोग,
फिर एक दिन घर खाली रह जाता है।
खाली कमरे, खामोश गलियाँ,
यादें ही बचती हैं जो कभी नहीं मिटती।
परिवार की धड़कनें धीमी हो जाती हैं,
खुशियों की यादें फीकी पड़ जाती हैं।
एक समय था जब घर में हंसी थी,
अब वही घर सुनसान और खाली है।
जीवन की राहें बदलती हैं,
हर पल एक नया परिवर्तन लाती हैं।
कुछ पल की खुशी, कुछ पल का गम,
इस के बीच ही कहीं गुम हैं तुम और हम।।
-
कोशिश की कभी, हाथ बढ़ा कर छू लू उनको
कभी सोचा इकट्ठे कर लूं, मुट्ठी में सारे
पर समझ का पर्दा खुला ,
हाथ पीछे ले लिए, खोल दिए मुट्ठी के ताले
फिर क्या हुआ ? कैसे हुआ ? कुछ पता न चला
ऑंख ख़ुली और पाया ,मेरे तकिए पर ही ,
सो रहे थे सारे!-
दिल जलाकर क्या होगा,
छोड़ो,निकलो,खोजो खुद को,
जुनून के दीप से उजियारा होगा।
-
People may knowingly unknowingly break all your confidence that you took a whole lot to build....
Smile anyways🙂-
inorder to reinvent
yourself
you need to
learn, relearn
and unlearn.. !
-
Dear kids,
Would you like to do friendship with a snowman.Come and meet this friendly ⛄ snowman and get a lovely feel of winter season.
Join me on 21st of December for lots of fun. Register soon.
-