कुछ बचपन की खट्टी मीठी यादें थी
तू छोटा मैं तेरी बड़ी दीदी थी ,
बाबा से प्यार मिलता तुझे बेशुमार था,
इस बात से मैं थोड़ा जलती थी,
झगड़े हमने किए खूब साथ में ,
मिलकर खूब धमाल मचाया साथ में,
तो कभी एक दूसरे को मनाया ,
तो कभी एक दूसरे को बचाया ,
तो कभी एक दूसरे को डॉट भी खिलाया,
हमारा बचपन था बड़ा ही प्यारा,
जिसे हमने मिलजुल कर था बिताया,
जीवन में एक सपना था संजोया तूने,
उसे हासिल करके ही दिखाया तूने,
जैसा कि नाम है तेरा घर का रवि ,
तू बन गया कानपुर का जेईई,
हर वो खुशी मिले जिसका है तू हकदार,
तुझे जीवन में सफलता मिले बेशुमार ,
जन्मदिन की तुझे हो बहुत बहुत बधाई,
तू ही तो है मेरा सबसे प्यारा भाई।
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