हमारे हक की खुशियां ना सही उनके हक के गम हमे बक्ष देना
दुआ करेंगे, करेंगे सजदा बार बार तेरी चौखट पे ए मालिक
हमारे हक जहन्नुम ही सही उन्हें तुम जीते जी जन्नत बक्ष देना।
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जीने के लिये जिये वो क्य... read more
एक दूसरे से नायाब, एक से दूसरे को जुदा बनाया है
माँ के रुप में हर एक को अपना अपना ख़ुदा दिया है।-
बेख़ौफ़ सोये अरसा हो गया,
गोद में माँ की सोये अरसा हो गया।
यूँ तो कई लिपटते है रोज हमें,
खुशी से माँ को लिपटे अरसा हो गया।-
राधा रुख्मिनी मीरा न जाने कितने किस्से है,
एक बात आम है की मोहन सबके हिस्से है।-
तुझसे दिल लगाना बुरा था, न लगाते तो और बुरा था ।
यूं तो मर जाते प्यासे, डूब के मरे ये थोड़ा कम बुरा था।-
रात का अफ़साना है
बस यहीं एक फ़साना है
मुद्दतों से रूठा है जो
उस चाँद को मनाना-
इश्क़ तो हो जाता है,
तारीफ़ें नही होती।
रात तो फिर भी गुजर जाती है,
नींदे पूरी नही होती।-
जहन्नुम जा के देखते,आग में थोड़ा जल के देखते है
जो जला हो अंदर से, बाहरी तपीश में थोड़ा झुलस के देखते।-
ये दूरियाँ भी ज़रूरी है इश्क़ में
किनारे मिलते है जहां,
नदियां अक्सर सुख जाया करती है।-