क्यों रुक जाऊंक्यों थक जाऊंजब खुद पर हो भरोसातो क्यों पत्तों की तरहबिखर जाऊं।। -
क्यों रुक जाऊंक्यों थक जाऊंजब खुद पर हो भरोसातो क्यों पत्तों की तरहबिखर जाऊं।।
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अधूरे सपने लेकरये साल भी कट गई धीरे-धीरे -
अधूरे सपने लेकरये साल भी कट गई धीरे-धीरे
Uski mithas kabhi jaate hi nahin -
Uski mithas kabhi jaate hi nahin
वह होता नहीं जिंदगी compermise से चलती है जनाब -
वह होता नहीं जिंदगी compermise से चलती है जनाब
कौन अच्छा है और कौन बुरा समझ नहीं आता -
कौन अच्छा है और कौन बुरा समझ नहीं आता
जब साथ हो महादेव का -
जब साथ हो महादेव का
शब्दों से मैं बयां करता हूं अपनी कहानीसमेटता हूं अपने ख्वाबक्योंकि बीत रही है जवानीभरोसा नहीं है इन सांसों काइसीलिए शब्दों से छोड़ता हूं अपनी निशानीशब्दों से मैं बयां करता हूं अपनी कहानी -
शब्दों से मैं बयां करता हूं अपनी कहानीसमेटता हूं अपने ख्वाबक्योंकि बीत रही है जवानीभरोसा नहीं है इन सांसों काइसीलिए शब्दों से छोड़ता हूं अपनी निशानीशब्दों से मैं बयां करता हूं अपनी कहानी
तेरे संग बिताए हर शाम नाकाम रहाअस्त मेरी मोहब्बत का हुआ हैपर मेरी कामयाबी मुझे आज भी पुकार रही है -
तेरे संग बिताए हर शाम नाकाम रहाअस्त मेरी मोहब्बत का हुआ हैपर मेरी कामयाबी मुझे आज भी पुकार रही है
हर इंसान के दो चेहरे हैंजिसमें छिपे राज बहुत गहरे हैंइस खूबसूरत जिंदगी मेंन जाने कितने नकाब के पहरे हैं -
हर इंसान के दो चेहरे हैंजिसमें छिपे राज बहुत गहरे हैंइस खूबसूरत जिंदगी मेंन जाने कितने नकाब के पहरे हैं
जिंदगी तो मानो पतझड़ जैसी हो गई हैख्वाब ऐसे टूट रहे हैं मानो पेड़ से पत्ते -
जिंदगी तो मानो पतझड़ जैसी हो गई हैख्वाब ऐसे टूट रहे हैं मानो पेड़ से पत्ते