बात तेरी हो तो अल्फाज भी तेरे प्यार में मचल जाते
जिक्र सिर्फ तेरी करू तो अल्फाज भी शायरी बन जाते-
ख्वाबों में भी ऐसा हसीन पल ना सोचा था
तेरे कुछ ना होने से तेरा सब कुछ हो जाना
यही मेरे ज़िन्दगी का सबसे हसीन लम्हा था
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अकेला रहता था भीड़ में हमेशा
साथ होता हुए भी साथ ना होता किसी का
आकर हाथ यू थामा तूने
अब अकेला भी चलू तो साथ चलता साया तेरा
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मेरे चेहरे पे मुस्कुराहट लाना
तो
जैसे तुम्हारे लिए 2मिनट में Maggie बनाना-
मोहब्बत हर वक़्त अल्फाजों में बयान हो जरूरी नहीं
इशारों में जो तुम समझ जाओ उससे हसीन पल कुछ नहीं
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शुक्रिया केसे करू उस रब का
दुआ उनसे एक सच्ची मोहब्बत की थी
उन्होंने अपनी मोहब्बत भेज दी-
बिन पूछे तेरा आना
बिन पूछे तेरा जाना
ज़िन्दगी जरूर हमारी हैं
पर हुकूमत चलती तुम्हारी हैं-
खुशनुमा मिजाज हैं अब मेरा
साथ हर वक़्त जो हैं तेरा
ख्वाहिशें करने का अब मन नहीं
बिन मांगे जो हर दुआ कबूल हुई
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ख्वाब देखते देखते उसके पूरे ना होने से डर लगने लगा
साथ तेरे रहते हुए साथ तेरा छुटने से डर लगने लगा-