ये ख़्वाब ही तो हैं जनाब
जो पल भर की खुशियां दे जाते हैं,,
वरना हकीकत तो अक्सर दर्द ज्यादा देते हैं।।
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Mai wo KITAB hu jiska ek ek PANNA RAAZ h... read more
तुम मेरे सामने बैठे हो कुछ इस तरह
कि आरज़ू तमाम भूल गए..
तुम में कुछ यूं खोए रहे
कि अंजाम भूल गए...
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तुझे इश्क़ कहूं या मायाजाल 🤔
जितनी बार तुझसे नज़र मिलती है उतना फसती चली जाती हूं।।
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"कृष्णा" सा कहां कोई हो पाया है...
इतनी रानियों के होते हुए भी
सिर्फ़ "राधा" का ही ख्याल
ऐसा प्रेम कहां कोई कर पाया है...
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मैं तुम्हें चाय बुलाऊं क्या.?
कभी कड़क चाय से हो जाते हो
तो कभी मीठी मीठी बातें कर मुझे लुभाते हो
उफ्फ! ये तुम्हारा गरम मिजाज़
तो कभी फिकी चाय बनकर प्यार छुपाते हो
बुरा तो नहीं मानोगे
जो मैं तुम्हें चाय बुलाऊं तो.?
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जिस पर वक्त के पहरे हज़ार है
बुरी नज़रों का वार है
लोग कमज़ोर समझते है जिसे
वो कम नहीं किसी से
एक नई शुरुआत कर
साबित सबको कर दिखाना है
नारी क्या कर सकती है
ये सबको बताना है।।
ये जो चार लोग राय बनाते है हमपर
कहां, किसके साथ, दिन-रात सवाल करते है हमसे
कपड़े, रंग-रूप, ढंग से परखते है हमे
उनके मुंह पर ताला लगाना है
नारी क्या कर सकती है
ये सबको बताना है।।
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बीच मझधार में तुम्हें इंतज़ार किसका है.?
अरे! वो क्या मुड़ कर देखेगा तुम्हें,
जो पहले ही बहुत आगे निकल चुका है।।
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बीच मझधार में खड़े हो
इंतज़ार किसका है.?
अरे वो मुड़ के क्या देखे तुम्हें
जो पहले ही आगे बढ़ गया है।।
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मैं थोड़ी नादान सी
वो थोड़ा ज़िम्मेदार सा,,
मेरी हरकतें थोड़ी बच्चों सी
वो थोड़ा समझदार सा,,
मैं थोड़ा प्यार जताने वाली
वो थोड़ा प्यार छुपाने वाला,,
दोनों ही कुछ अलग से
फिर भी साथ हैं एक से।।
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मुझे इंतज़ार करना पसंद नहीं
पर मैं इंतज़ार सिर्फ़ तेरा करती हूं,,
वक्त बीतता जा रहा
पर मैं सिर्फ़ तेरे लिए ठहरती हूं।।
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