renuka jain   (Renu's Creativity)
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Joined 28 April 2020


Joined 28 April 2020
6 MAR 2023 AT 15:52

वक्त ने वक्त से पूछा वक्त की क्या ख्वाहिश है, वक्त ने नम आंखो से मुस्कुराकर जवाब दिया,
"बस वो गुजरा हुआ एक पल लौटा दो जहा हम खुद का वजूद ही भूल आये थे।"

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16 FEB 2022 AT 23:45

कुछ रिश्तों का नाम होकर भी वह नाम के रिश्ते रह जाते है।

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8 JUN 2021 AT 17:03

मौत के तूफान मे यू फसे है हम
की,पता ही नहीं चलता
कब कोनसा चेहरा आंखो से दूर हो जाएगा
आौर,
ताउम्र इंतजार दे जाएगा.....

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27 MAR 2021 AT 16:28

वक्त के हाथों से यू बिके हे हम
कलम ने साथ छोड़ते हुए कहा
इसके आगे का सफ़र अकेले ही तय करना होगा..

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15 JAN 2021 AT 19:04

उन्हें मंजिले क्या मिली
वो तो,
मंजिल तक जानेवाला असली रास्ता ही भूल गए।

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7 JUL 2020 AT 22:16

व्यक्ति करोडो की भीड में अकेला हो तो फर्क नही पडता पर वहीं इंसान अपनो की भीड में अकेला हो तो फर्क जरूर पड़ता है।।
Bitter truth👆🏻

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9 JUN 2020 AT 16:44

ये कैसी दुविधा है....
दिल को हम काबू कर नहीं पाते
और,
दिल के जज़्बात बया भी नहीं कर पाते

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11 MAY 2020 AT 16:23

✌️बस शाम होने वाली थी✌️
किस्सा तो उस शाम का था जब उसकी आंखे इंतजार में थीं, उसका दिल की धड़कन उसी के नाम की माला जप रही थी, उसके कान उसकी कदमों की आहट सुनने को तरस रहे थे, उसके लब अपने प्यार के लिए गीत गा रहे थे , ये समा बस उसकी आने की खुशी मना रहा था, और वो दीवानी उसके लिए सजे जा रही थी, फूलों का बिछोना बिछाया था, चांद भी अपनी हलकी झलक दिखा कर उसके प्यार का साक्षी बन रहा था पर रब को कुछ और ही मंजूर था; उन्हें लगता था जिस प्यार पर उन दोनों का ही हक़ हैं पर उस प्यार को खुदा की मंजूरी नहीं । उस दीवानी के प्यार की जिंदगी की डोर किसी और ने थाम ली थीं और उस दीवानी की चुप्पी ने ही उसकी खुद की जिंदगी उजाड़ दी थी। बस खुशियों की शाम होनेवाली थी पर गम की डरावनी शाम हो गई।पर अभी भी उसकी तमन्ना में , ख़यालो में बस वो शाम होने वाली है।

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10 MAY 2020 AT 1:31

कड़वी यादे भुला दी हमने
इसलिए जिंदा हैं वरना कब का मर जाते....

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9 MAY 2020 AT 15:53

इंसान अपनी बेवकूफी का परिचय दे रहा है
क्युकी,
मौत को न्योता देने इंसान खुद ही जा रहा है

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