काग़ज़ी रिश्ते
स्याही पर अश्रु
धोउ या खोऊ-
देखे लोगन की प्यास
कोई धन को तरसे
कोई तन को तरसे
कोई न रखे शुद्ध मन की आस
बेसब्र बड़ा है हृदय उनका
सब हो जिनके पास
आम हो जाते फिर सब
कोई ना बचता खास-
We are millennials,
We belongs to the era of
“Hum dil de chuke sanan”
Once married to “Ajay Devgan”
Have to forget “Salman khan”
But Gen z’s are different,
This OTT era can go for extreme.
They can kill , they can conspire a murder
They can chop the body and put it in drum.
We are fighting for equal rights and opportunity.
But this generation demands equality in every aspects.
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खून भरी मेरी माँग में
जिसने किया मानवता को चूर
जिसने सुलगाए हिन्द के शोले
जिसने तोड़ा धार्मिक गुरूर
कहलाए वो ऑपरेशन सिन्दूर
दाग लगाया जिस दामन में
साबित किया की मजहब है क्रूर
मासूम से लोगो का छीना नूर
हाय चश्मे बद्दूर चश्मे बद्दूर
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ज़माने के डर से
कितने अरमां खोए
कुछ लोग के भय से
जीवन खुल के न जी पाय
हित नात के सोच से
खुद को कभी उबार ही न पाए
पूरी ज़िदगी दूसरो की सोच
अपने मन में बिठाए
लेकिन फिर भी कभी
ख़ुश न कर पाए
न उन ज़माने भर के लोगो को
ना ही ख़ुद को
अफ़सोस अब ये है
क्या खोय क्या पाय
सबकी न सही ख़ुद की ख़ुशी
सोचते अगर तो
ज़िंदगी यूँ न बीती जाय-
भारत माँ के शीश पर सजी स्वर्णिम बिंदी हूँ
मैं भारत की बेटी आपकी अपनी हिंदी हूँ-