सह ले तकलीफ पर , इन अश्कों को गिराया न कर
कुछ बेकार लोगों के खातिर, यूं आंसू बहाया न कर
समझ खुद को, सुन अपने दिल की
हर किसी को तकलीफ बताया न कर....
रिवाज रहा है दुनिया का, ये रिवाज
रहा है दुनिया का...
ये लेती है सब्र का इम्तिहान
ज्ख्म यूं हर किसी को दिखाया न कर
परख लेने दे वक्त की कसौटी पर खुद को
खरा सोना है तू
आज नहीं तो, कल सही
समझने दे यह बात लोगों को
तू हर किसी को समझाया न कर
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