मत पूछ मेरा नाम कहां तक हैतू तो बदनाम कर तेरी औकात जहां तक है -
मत पूछ मेरा नाम कहां तक हैतू तो बदनाम कर तेरी औकात जहां तक है
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फूल हमें कितना कुछ सिखाते हैं,दूसरों की खुशी के लिए,ये टूट कर बिखर भी जाते हैं -
फूल हमें कितना कुछ सिखाते हैं,दूसरों की खुशी के लिए,ये टूट कर बिखर भी जाते हैं
तू किसी भी रुप में आ,,,,,, तेरी हर एक अदा मुझे लुभाती हैतेरे हर एक नखरे पे ,,,,,,ये मां तेरी वारी वारी जाती है❤️❤️— % & -
तू किसी भी रुप में आ,,,,,, तेरी हर एक अदा मुझे लुभाती हैतेरे हर एक नखरे पे ,,,,,,ये मां तेरी वारी वारी जाती है❤️❤️— % &
लहू लुहान था तन उनका और सीना छलनी कर चुकी थी गोलियां,,,,,,,,फिर भी आह निकली नहीं मुंह सेवो हंसते हंसते बोल रहे थे इंकलाब की बोलियांगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐🙏।।जय हिन्द।।— % & -
लहू लुहान था तन उनका और सीना छलनी कर चुकी थी गोलियां,,,,,,,,फिर भी आह निकली नहीं मुंह सेवो हंसते हंसते बोल रहे थे इंकलाब की बोलियांगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐🙏।।जय हिन्द।।— % &
क्यों दर्द होता है दिल में, क्यों आंखें रोती हैंजब जुदा हो कोई अपना, क्यों इतनी पीड़ा होती हैकहते हैं सब, है ये जगत सब सपनातो क्यों इस दिल में, इतनी ममता होती है -
क्यों दर्द होता है दिल में, क्यों आंखें रोती हैंजब जुदा हो कोई अपना, क्यों इतनी पीड़ा होती हैकहते हैं सब, है ये जगत सब सपनातो क्यों इस दिल में, इतनी ममता होती है
सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ परखड़ी होती हैइसलिए कभी किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए।।नेता जी सुभाष चन्द्र बोस।। -
सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ परखड़ी होती हैइसलिए कभी किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए।।नेता जी सुभाष चन्द्र बोस।।
जिनके अंदर "सनक" नहीं होती,वह कभी महान नहीं बन सकता।नेता जी सुभाष चन्द्र बोस।। -
जिनके अंदर "सनक" नहीं होती,वह कभी महान नहीं बन सकता।नेता जी सुभाष चन्द्र बोस।।
छुपाने को दिल की "पीड़ा"हम सब,,,,,,,,कर रहे हैं "होठों" से,,,,,,झूठी हँसी हँसने की "क्रीड़ा",,,,, -
छुपाने को दिल की "पीड़ा"हम सब,,,,,,,,कर रहे हैं "होठों" से,,,,,,झूठी हँसी हँसने की "क्रीड़ा",,,,,
तेरी हँसी के सामने ,,,,,,,,दुनियां की सारी खुशियां फीकी लगती हैहो जाए जब तू उदास तो ये दुनियां वीरानी लगती है "मां"की व्यथा -
तेरी हँसी के सामने ,,,,,,,,दुनियां की सारी खुशियां फीकी लगती हैहो जाए जब तू उदास तो ये दुनियां वीरानी लगती है "मां"की व्यथा
तेरे होठों की हँसी देख कर ही मैं मुस्करा लूंगीतेरी खुशी के लिए मैं तेरी जुदाई भीहँसते हँसते सह लूंगी,,,,,,,,,,,"मां" -
तेरे होठों की हँसी देख कर ही मैं मुस्करा लूंगीतेरी खुशी के लिए मैं तेरी जुदाई भीहँसते हँसते सह लूंगी,,,,,,,,,,,"मां"