तेरे सपनों में खोए तेरी याद में रोए,
तेरी बातों में खुद को उलझाए ।
तुझसे मिलने की तड़प को दिल में दबाए ,
कहीं मेरी इस मोहब्बत को तू दीवानापन ना
समझें ।
इसलिए ये दिल
मोहब्बत का इजहार करने से कतराए ।
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And shyaris.
मोहब्बत दिल में अगर हो तो अंधेरे में भी
चांदनी रात है।
दिल का हर ख्वाब आबाद है।
हर लम्हा खुशी ,हर पल शाहगवार है।
दिल में रहता कुछ सुकून तो कुछ इंतज़ार है।
लगती हर मंजिल आसान हर सपना साकार है।
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दिल का दर्द दिल ही जाने।
किससे कहें और कौन माने।
हम तो समझें पर आंख न माने।
इसको बहलाने के ढूढते नए नए बहाने।
मगर कोई बहाने काम न आने।
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निगाहों से पूछो इंतज़ार क्या है।
दिल से पूछो इसरार क्या है।
जुदाई से पूछो तड़प क्या है।
बेबसी से पूछो बर्दाश्त क्या है।
मां के आंचल से पूछो सुकून क्या है।
किसी के भरोसे से पूछो इबादत क्या है।
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वृक्ष धरा के हैं आधार
पालो इनको पोषो इनको,
होगा प्रकृति पर उपकार।
मत काटो फलते वृक्षों को,
इनको भी तो होता होगा दर्द अपार।
अन्न,जल,जीवन सब कुछ तो है,
वृक्षों से ही साकार।
वृक्ष धरा के हैं आधार।
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मेरी कहानी के सभी किरदार कुछ इस तरह बने ।
कुछ सच्चे तो कुछ सच का बाना ओढ़े निकले।
चाहा जिन्हें दिल से वो बेगाने निकले।
ना जाने कब अपने पराए हो गए।
हम सोचते रह गए हम कहां गलत हो गए।
चकाचोध इस दुनियां में बड़ों के सम्मान से ज्यादा,
दौलत वाले महान हो गए।-
हवा भी लग रही आज बदली बदली।
दुल्हन सी सजी है अयोध्या नगरी।
सरयू किनारे रंग बिरंगी लगी है झड़ी,
मानो सतरंगी चुनरिया ओढ़े दुल्हन खड़ी।
हर मंदिर, हर गली,है घर है सजा,
दीप जले, मिठाइयां बनी दिवाली सा है समां।
वर्षो बाद आज ख्वाब पूरा हुआ है।
फिर से राम जी का आगमन हुआ है।
जन जन के भगवान हैं श्री राम
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
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आओ लम्हें चुरा कर लाते हैं।
वो बचपन वो भाई बहन का साथ
उनके साथ खेलना ,लड़ना ,झगड़ना,
रूठना ,मनाना सब पल चुरा लाते हैं।
मां का प्यार ,पापा का दुलार
किसी संदूक में छुपा लाते हैं।
ना जाने वो प्यारभरे लम्हें कहां चले गए ।
काश !कि उन लम्हों को फिर से कहीं से,
चुराकर ला पाते।
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नया नया कुछ लिखना है।
कुछ बाते कुछ यादें दिल की ताज़ा करनी है।
वैसे नया कुछ होता ही नहीं है।
सब कुछ पुराने से बंधा होता है।
जहां पुराना वहीं नया होता है।
वर्तमान तो बनता ही है भूत से ।
भविष्य में वहीं नया होता है।
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