ज़रा मुश्किल ही है यहाॅं दोस्त पोशीदगी तेरी,
तुझ ही से छीन लेंगे ज़माने वाले सादगी तेरी...-
@shabad_premee
शून्य हूँ, स्वतंत्र हूँ......अर्थहीन, अर्थ हूँ।
यत्र-तत्र ही नहीं..... read more
ज़िंदगी की चाल कौन समझे और कौन जाने,
जो भी होना होता है, है होता वो जाने-अंजाने,
कुछ क़िस्मत है, कुछ है कर्म सब मंज़ूर बाक़ी,
इसी ख़्याल से चले हैं "हृदय" लकीरें आज़माने...-
जब ईर्ष्या, लोभ, क्रोध मोह और माया के विरूद्ध हो जाना,
तब कहियेगा "हृदय" बहुत सरल है संसार में बुद्ध हो जाना...-
तुम बस वर्तमान में जीते जाओ,
हृदय लगे घाव भी सीते जाओ...
विष कलश भ्रमित हो जाएगा,
तुम अमृत कह कर पीते जाओ...-
ताज्जुब कि वो ख़्वाबों से ख़ाली ऑंखों को अश्क़ों से भरते हैं,
मुख़्तसर-सी ज़िंदगी में ज़िंदा लोग भी कितनी मौतें मरते हैं...
~ रेखा "मंजुलाहृदय"-
लोग तुम्हें ख़्वाहिशों के अर्श दिखाऍंगे हृदय!
पर तुम हक़ीक़त के फ़र्श पर खड़े रहना...
~ रेखा "मंजुलाहृदय"-
आस-पास
गिरते हुए को
बहुत ऊपर उठते हुए,
और उठते हुए को
बहुत नीचे गिरते हुए...-
हर इंसान एक-सा पर, कहीं ख़ुद को औरों से जुदा तो नहीं मानते हो,
अरे ग़लती के मुजस्समे कहीं भ्रम में ख़ुद को ख़ुदा तो नहीं मानते हो...
- रेखा "मंजुलाहृदय"-
इतिहास भी याद रखेगा भारतीय क्रिकेट दल हारी थी,
वो सिंह से खिलाड़ियों की दल जो हर दल पर भारी थी...
एक से क्या हारे, अपनी पक्की जीत हाथों से छूट गई,
इस बार भाग्य ने साथ नहीं दिया वरना पूरी तैयारी थी...-