कई बार कविताएं लिखने के लिए उठती हूं कलम ,,,, पर शब्दो को कागज पर उतार नहीं पाती हूं । यूं ही कोरे दिखने वाले पन्नो में छुपी होती है , मेरी हर वो भावनाएं, हर वो दर्द , हर वो अहसास , जो ,,, वो मुमकिन नहीं शब्दो में बयां करना ।
स्त्री यदि बहन है, तो प्यार का दर्पण है.! ♥️ स्त्री यदि पत्नी है, तो खुद का समर्पण है.! ♥️ स्त्री यदि भाभी है, तो भावनाओं का अर्पण है.! ♥️ स्त्री यदि दादी है, तो कर्तव्य की साधना है.! ♥️ स्त्री यदि मित्र है, तो स्नेह की भावना है.! ♥️ स्त्री यदि मां है, तो साक्षात परमात्मा है.! ♥️