तुमने ही तो हाथ पकड़ के आगे बड़ना सिखाया,
तुमने ही तो हर हाल में जीना सिखाया,
बाबा तुम कहां हो प्लीज एक बार तो,
अजाओ हमको फिर से सब कुछ सीखा जाओ।-
खुलके रोना भी चाहे तो रो नहीं सकती,
खुलके हंसना भी चाहे तो हस नहीं सकती,
अपने पीहर में चन्द दिनों से ज्यादा रह नहीं सकती,
शादी के बाद एक बेटी अपने ही मां-बाबा से,
अपने दिल की कोई भी बात कह नहीं सकती।
हर हक खत्म हो जाता है,
जो कभी हक से हमारा हुआ करता था,
इस हक के खत्म होते ही,
कोई भी हक नहीं बचता,
न ही पीहर में और न ही जीवन में,
बचती हैं तो बस जिम्मेदारियां।
सबसे अच्छा बचपन इसीलिए होता है,
क्योंकि हमारा हक हमारे पास होता है,
पापा आज ये लाना, पापा हमें आज ये खाना है,
मां आज घर देर से आयेंगे एक पार्टी में जाना है,
पापा पैसे दो हमें पार्टी के लिए नई ड्रेस लाना है।
पर अब तो कितनी बार सोचना होता है,
कुछ पाने के लिए खुदसे अपने ही मन में,
कितना कुछ बोलना होता है,
कैसे कहें अपनी बात को,
रात भर ये सोचना होता है,
कितना मुश्किल हो जाता है,
अपनी बात को बोलना,
कई बार व्यर्थ जाता है कुछ भी खुदके लिए सोचना।
बस यही है शादी के पहले और शादी के बाद का जीवन।
-
कुछ वक्त अपने लिए भी निकाल लिया कर,
कभी खुदको भी आईने में निहार लिया कर,
बहुत ज्यादा न सही पर कुछ तो,
खुदको भी सवार लिया कर,
किसी बड़े मॉल में न सही,
किसी छोटे से ठेले में ही सही,
मीठे खट्टे चटकारे भी लगा लिया कर,
हे नारी तू अपनी जिंदगी कभी कभी,
अपने ढंग से गुजार लिया कर।-
I want to ask a question,
For everyone please reply,
Marriage is important or not?-
कुछ ठहर सा गया है,
हमने पूरी शिद्दत से जिसे जहा,
वो अब किसी और का हो सा गया है।-
कि कब ये दुनियां बदल जाए,
प्राथना है ये बस हे ईश्वर आपसे,
कितनी भी मुश्किलें आए,
बस मेरा ये सच्चा ईमान न बदलने पाए।-
ये जीवन खुशी और गम का,
एक अनोखा मेल है,
कभी कभी ईश्वर का भी,
जन्मस्थान हुआ जेल है,
और महलों में जन्म लेने वाले भी,
वन में खाते शबरी के जूठे बेर हैं।
-
क्योंकि उस वक्त नहीं था,
मैं तुम्हारे साथ जब जब,
मुझे हर मुश्किल की घड़ी में,
एक सच्चा हमसफर बनके,
थामना चाहिए था तुम्हारा हाथ।-