Reetika Jain   ("रीत" के गीत✍️)
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Joined 2 December 2020


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24 APR AT 0:06

कुछ यूँ मेरे दिल की कड़ी तुम्हारे दिल से जुड़ जाती है,
जब तेरी मुस्कराहट से तेरे झुमके की लड़ी आपस में जुड़ जाती है..!

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23 APR AT 8:10

आँखें बंद थी उसकी और,
सिर मेरी गोद में था,
सिमटा था मुझे पकड़े हुए,
जैसे सारा जहाँ मेरी आगोश में था,
बात वो इश्क़ निभाने की करता था,
मर मिट जाने की करता था,
मैंने भी ढंक लिया उसको,
अपने आँचल से कुछ इस तरह ,
अब ना मैं होश में थी,
ना वो होश में था ..!

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7 APR AT 17:19

रुकने का नाम नहीं,
हर पल बेचैन हैं लोग यहां,
किसी को आराम नहीं,
जीने की दौड़ में,
जीना ही भूल गए,
ख़ुद तो आगे निकल गए,
अपनों को पीछे छोड़ गए,
मुड़ कर जब देखेंगे,
हाथ कुछ न आएगा,
सच ही कहा है किसी ने,
तू खली हाथ आया था,
खली हाथ जायेगा..!!

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2 APR AT 22:53

चाहा भी उसको जो मुक़द्दर में था ही नहीं,
सपने भी उसी के देखे जो ख़ुद एक सपना बन गया..!

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2 APR AT 22:47

मुझे तेरा पुराना साथ चाहिए,
लाखों की भीड़ में भी,
सिर्फ़ तेरा हाथ चाहिए ..!!

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2 APR AT 22:40

तेरे बिना हूँ मैं आवारा,
जो तू चमके तो रौशन हो जग सारा,
बिन तेरे अब न मेरा गुज़ारा,
ख़्वाबों का कब तक लूँ सहारा,
ये दिल हरपल मांगे तेरा नज़ारा ..!!

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29 MAR AT 13:46

इश्क़ तो हर चीज़ में मौज़ूद है,
बात सिर्फ़ उसको महसूस करने की है ..!

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29 MAR AT 13:32

कुछ ख़ामोशी है,कुछ शोर है,
ये ना जाने कैसा दौर है,
अब तन्हाई भाने लगी है मुझे,
ये मैं ही हूँ या कोई और है ..!

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29 MAR AT 13:15

कल रात फिर महँगा ख़्वाब
देख लिया मैंने,
तुम आये हाथ में लिए गुलाब,
देख लिया मैंने..!

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6 MAR AT 0:48

जब होती हूँ तन्हां,साथ तुमको पाती हूँ,
मैं आज भी हर लम्हें में,सिर्फ़ तुमको जी जाती हूँ ..!

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