तेरे दिल की बात तेरी ज़ुबाँ पर आए,
और मुझको भाए, ये ज़रूरी नहीं।
तू मौन रहे और तेरी ख़ामोशी
मुझको सताए, ये ज़रूरी नहीं।
तू मुझको देखे मैं तुझको देखूँ,
पर तेरी निगाहें मुझको भाए,
ये ज़रूरी नहीं।
तेरी खुशी में, मैं खुश हो जाऊं
मगर मेरी खुशी भी तुझको रास आए,
ये ज़रूरी नहीं।
तेरी राह के पत्थर मैं समेटु,
पर मेरी राह में पत्थर तू ना बिछाए,
ये ज़रूरी नहीं।
मेरा भला तू चाहे न चाहे,पर मेरा बुरा तू न चाहे,
ये ज़रूरी नहीं।
ये दुनिया ज़ालिम है, पता है हमको,
पर ज़ालिमों में तेरा नाम न आए
ये ज़रूरी नहीं।
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Reena Panwar
(Reena Panwar)
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Joined 24 May 2019
23 NOV 2022 AT 11:37
16 APR 2022 AT 19:51
नहीं बंधना उस बंधन में,
जिसमे बंध जाए मेरे ख्वाब भी।
नहीं बंधना उस बंधन में,
जिसमें मैं कहीं खो जाऊं।
नहीं बंधना उस बंधन में,
जिसमें मैं बस किसी की हो जाऊं।-
16 APR 2022 AT 18:48
मेरी खामोशी का, सबब पूछने का।
तुम्हें हक़ है
मेरी खुशी में,शामिल होने का।
तुम्हें हक़ है
मेरे जख्मों में,मरहम लगाने का।
तुम्हें हक़ है
मेरे सपनों में, शामिल होने का।
तुम्हें हक़ है
उन्हें पूरा करने का।
तुम्हें हक़ है
मुझे अपना समझने का।
पर,
तुम्हें हक़ नही,
मुझे अपना बनाने का।
तुम्हें हक़ नहीं
मुझपे,
हक़ जताने का।-
29 MAR 2022 AT 23:10
सवाल जो तुझपे उठ रहे
तू उससे क्यों घबराती है,
अरे ये इस दुनिया की रीत है
हर सीता को कलंकित बताती है।-
10 OCT 2021 AT 11:54
एक बात ज़हन में अक्सर आती है
ये दुनिया क्यों इतना इतराती है।
एक दिन सबने जाना है
सब कुछ यहीं छूट जाना है,
फिर भी मोह बंधाती है
ये दुनिया बड़ी इतराती है।-