और कितनी कोशिश करूँ मैं तुम्हें भूल जाने की,
थोड़ी कोशिश तुम भी तो करो मुझे याद ना आने की...
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ख़वाब देखे तो बन्द आँखों से जाते हैं,
मगर उन्हें पूरा करने में नींद उड़ जाती है।-
अब तो फैसला होगा
या तो हम साथ रहेगें
नहीं तो फासला होगा
हमारा होगा तो पूरा होगा
अधूरा अब कुछ नहीं होगा-
संभाल सकूं मैं खु़द को,
अब इतनी भी हिम्मत नहीं...
इतनी दफा संभाला था,
फ़िर भी मैं बिखर गई...-
सुनो,
बहुत कर लिया तुम्हरा इंतज़ार, अब किसी और की होना चाहती हूं....
अब कुछ और मांगने नहीं आई हूं, बस तुमसे इजाज़त मांगना चाहती हूं....
वो वादा जो निभा रही हूं मैं, बस उस वादे से आज़ाद होना चाहती हूं....
रूह से जुड़ा रिश्ता है हमारा, एक पल में तुम्हारे साथ सब जीना चाहती हूं....
बीते हुए कल की यादों के साथ, मैं तुम्हारी खुशी भरी रजामंदी चाहती हूं....-
Sometimes all you need a Jaadu ki Jhappi from that person where you feel safe in his/her arms. And the warmth of that hug melts your tears roll down from your eyes.
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सुनो,
वो कुछ था जो टूट गया मुझमें
एतबार था शायद
या शायद मान था तुम पर
खैर, जो भी था अब नहीं रहा-
कटी हुई टहनियां छाव कहां देती हैं
दूसरों से उम्मीद घाव ज्यादा देती हैं-
इतनी अच्छी थी कहानी पर अधूरी रह गई
इतनी थी मोहब्बत की बाद में दूरी रह गई-