आज पश्मीना की तलाश हैं।
सुर्ख सरद रात को,
आज जाम की तलाश हैं।
गर्माहट तो है, भीड़ जो बहुत हैं,
इस फीके जलसे में,
मीठे इत्र की तलाश हैं।-
अदब से भर देती है,
हर आवारा को।
कुछ ऎसा ही समझ हमें,
अदब का आशियाना दे दो।
यूं जो हटा ही ली है,
जुल्फे चश्म से तो फिर,
आज शाम मुलाकात की
कुछ बात ही कर दो।।-
एक टुकड़ा मोहब्बत मांगता हूं
जी हुजूरी नहीं हाजरी मांगता हूं
एक छल्ले के तिलिस्म को,
जो बनता दो किनारें मोड़
किनारों को भरने उनकी,
आज सहमति मांगता हूं
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ये जो रोज रोज जो मचल बैठता है।
मिलने वसुधा से जो लड़ झगड़ बैठता है।।
आज फिर एक और नया सबब लेकर आया है।
हवाओं संग पंक्तियां हंसों की पार कर फुहार लाया हैं।।
घुटते -२ जमाने से आज घुमड़ पड़ा है।
हा आज फिर अंकुर भरने माटी में पुष्कर निकल पड़ा हैं।।-
I thought of having you with me like a diamond in the skylight.
You unceasingly tweeted near my heart❤️.
We lived together in that utopian lingering night.
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फूल बैठे हैं पन्नों की क्यारी पर!
सींचतें शब्द बनाते,
बातों की फुलवारी पर!
पर देखो ये पराग कहां उड़ चला है।
बातें मेरी भूल सारी,
क्यारी सारी उजाड़ चला हैं।।
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१. Read २-३ books of different writers on kind of fear that you are suffering from.
२. Meditation-