परिंदों सी अहमियत अपने में लाया करों,
जहाँ मन ना लगे उस जगह से दूर चले जाया करो।-
क्या खूब तुम सरहद पर खड़े होते हो,
अपनी मौत की शिकंजी सो को अपने हाथ में लिए अड़े होते हो,
ना झिझक होती है ,ना फिकर होती है
यूं लगता है कि तुम समुंद्र के आगे पहाड़ लिए डटे रहते हो।
क्या खूब तुम्हारे में देशभक्ति की ललक है,
क्या देशभक्ति की यही झलक है?-
किसी की सच्चाई और अच्छाई जाननी है,
तो उसे ठुकरा के देखो।
न सच्चाई जानने मे वक़्त लगेगा,
ना अच्छाई जानने में-
किसी को बात दिया।
फिर साथ दिया,विश्वास दिया।
अपनी जिंदगी का कुछ दिन और रात दिया।
उसके कारण डाट मिला,फटकार मिला।
फिर भी उसके सभी कमियों को साफ किया।
आखिर में उसके मुंह से एक बात मिला।
की तू मुझे धोखे बाज मिला।
और हमारी सारी विश्वास को एक फटकार मिला।
ऐसा भी एक यार मिला।|-
तुम दिल के इतने पास हो की दूर होते हुए भी एहसास हो!
तुम आते हो तो लगता है की गर्मी में बसंत का एहसास हो!
मोर की नाचने की खनखनाहट सा दिन और रात हो!
लगता है नहीं की कोई गम हमारे पास हो!
इसीलिए तो तुम इतने खास हो।।-