Believe on supreme power makes us more fervent.
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@सनातनी_योद्धा,
@मां_भारती_का_लाल,
@झारखंडी_छौरा,
@आस्तिक,
@आवारा,
@सरफिरा,
@मदहोश... read more
इश्क़ की अदालत में हमें ज़मानत मिलती भी कैसे,
वो साला जज भी उसका आशिक़ निकला।
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If life gives you a chance, the rule is simple, capitalize it. Because, everyone is not lucky enough to get it.
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हमनशीं की महफिलों में खुशियों की झड़ी थी,
एक मैं था, एक तू था फिर कहां कुछ कमी थीं।-
मुर्शीद, उसकी इल्म भी कितना अज़ीज था,
वो बात चिंगारियों की कर रही थीं,
और मैं अंगारों के बीच था।-
अपनी जन्मदिन की पवित्रता की थोड़ी बखान करता हूं,
इस दिन को अपना देह त्यागने वाले उस गंगा पुत्र भीष्म पितामह को शत् शत् प्रणाम करता हूं।
मकर संक्रांति, लोहरी, पीहू, पोंगल या उत्तरायण,
हां मैं करता हूं नए साल में उल्लास का आह्वान।
चूड़ा-दही, गुड़, तिलकुट और ये पतंग,
मनचली सुबह, सुहानी शाम और ये रातों की ठंड।-
भावना, कुर्रता, या हैं रहस्यमयी दास्तान,
रणभूमि, ज़िंदगी, या हैं ये खेल का मैदान।
गिरना, टूटना, या हैं सामर्थ का परमाण,
लड़ना, हारना, या हैं ये विधि का विधान।
विजय उन्हें मुबारक हों, जिसने लड़ना अर्जुन से सीखा हैं,
हां, हां हमने तो लड़ते हुए उस कर्ण को भी देखा हैं।
योद्धाओ के सामर्थ को कौन अनदेखा कर पाया हैं,
कर्ण की हार के आगे खुद उस विधाता ने भी सर झुकाया हैं।
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जो मुकद्दर में न हों,
वो कहां किसी को मिल पाया हैं।
मानना पड़ेगा इन लकीरों को भीं,
हर तरह से हमें आजमाया हैं।
ज़रा नुमाइश करें इन कुर्बातो की,
ख्वाबों के बहाने हमें, हमारे औकात बताया हैं।
अब इख़्तियार भी क्यों करे इन गर्दिशों पर भीं,
रंजिशो से वाक़िफ भीं हमें तो, खुद ख़ुदा ने करवाया हैं।
ख़ैर क्या शिकायत अब उस खुदा से भीं,
उसने ही तो यहां तक पहुंचाया हैं,
शायद कुछ रहस्य छुपा हो उसकी योजना में,
भला उनको कौन समझ पाया हैं।
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अब जुर्रत नही मेरे शब्दों में, कि तेरे यादों को इन काव्यों में पिरो सके।
तेरी यादें तो तुमसे भी ज्यादा घातक हैं।-