क्या ये खत्म है तुम्हारे लिए ?
एक दफा कह तो देते ज़रा !
खता क्या हुई है , हमसे ?
जो तुम इस कदर हमसे रूठे हो हाँ ??
वजह ना जो कह सके तुम तो
बस एक इशारा ही कर दो ना !!
क्या यूँ बिछड़ना मुक्कदर हमारा ?
क्या है तुम्हारा फैसला ?
दिल को सँभलने कि खातिर ही कह दो की ,
हम फिर मिलेंगे दुबारा !!
अगर जो ये पल आखिरी है तो ,
फिर एक दफा तुमसे मिलना है हाँ !!-
एक साथ छूटने को था
गलत बस हालात थे
कसूर का पता न था
उल्झने जज्बात थे
कुछ और मुक्कमल पल जो होते
ढुंढने वो बैठते
शायद उनके संग-ए-मंज़िल खूबसूरत खास था ।।-
मुसाफिरों का भी अब खत्म मँजिल का इंतज़ार
तू आई देख सुबह को भी आया करार ।।-
Whatever we decide..
On the roads we ride...
Every plans we make ,
For all the sake ..
We just received ...
Distance with ease ..
You were the right ,
In all the sights ..
But , listen to me this one last time
I loved you , And that's all I could make ..
It's time for you to take , what you can take !!-
मासूमियत थी उसमें ..
मुझे इश्क़ हो गया ।
तारीफ़ उसने भी की थी..,
मेरे हर एक अल्फाज़ो की ..
समझ भी गयी शायद गहराई उन लफ़्ज़ों की
न समझा तो बस हाले दिल मेरा ।-
संदहे मानस तू आज तोड़ दे ..
बस कर्म है तेरे वश में ..
तू उसे न छोड़ दे ।-
काश की तुम साथ होते
काश वो पल सच हो पाते ..
देखा था ख्वाबो में जैसा ..,
काश वो असल हो पाते ।।
चल जान ही लिया है कि ..,
अब राहे अपनी है जुदा ..
ज़ह्मत बस ये काश है
की काश जो तुम साथ होते ।-
उम्मीद बुझी राख सी
मर चुके ये जज्बात है
क्या मुश्किलो की साख
यहाँ तो जिंदगी ही खाख है ।
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टूटे अफ़साने , थक गए ये कदम..
बंजर है ये रास्ते , गंतव्य है पृथक ..
पराभाव के बोझ में न हो जाये हम खत्म ।-
दहलीज के उस पार ...
मंजिले है फरार ।
इस पार खड़े हम कर रहे ,
सफर से ही प्यार ।-