10 APR 2023 AT 10:45

ऐ हुस्न-ए-मलिका ,तु हुस्न रखती है

तो मैं खुदा-ए-नुर ,रखता हूँ,

तु छलकते जाम रखती है

तो मैं खुदा-ए-सजदा रखता हूँ .

- Ravindra Singh