सुदामा चरित्र चित्रण
प्रभु की भक्ति में खुद को ऐसे विलीन कर लो
की फिर जीवन में किसी सुख की चाह न रहे
प्रभु अपने आशुओ से पांव धो धो कर कहे
सुदामा कुछ तो बोल तुझको कष्ट क्या है
एक बार बता दो की तुम्हारी चाह क्या है।
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टीम टिमाता जगमगाता जब जब
देखता है ये मुझको मां लगता ऐसे
जैसे तू देख रही हो मुझको मां
मां यह शितारा हमे आभाष
कराता रहता हैं
के तू साथ हे हमारे तू पास है हमारे
यह एहसास कराता रहता हैं-
अपने कल का ,
किसे पता हैं
अपने आज का
पर जो भी होगा
हमारा नसीब होगा ,
हमारे ही कर्मो
का लिखा होगा ...।-
फर्क सिर्फ इतना सा है
आपके समय में टेलीफोन था
ओर अब मोबाइल फोन हैं
रिस्ते तब बंधन में बधे हुए थे
रिस्ते अब आजाद है ,जो कि
तार तार है।
अब घर घर विवाद हैं बड़े बुजुर्ग
आज औलाद की हरकतो से सर्मसार हैं।
ईस डिजीटल दुनिया की ही मेहरबानी हैं
जो अब हर रिस्ते तार तार है ...।-
हम तो चेले भी उनके हैं
जिनका कोई गुरू नहीं
।। जय महाकाल ।। 🚩🚩-
आऔ तुम्हारे पाओ पे हम मरहम लगा दे
ईस दिल को ठोकर मारने से चोट तो तुम्हें
आई हीं होगी ...।-
चेहरे से समझदार लगने
लगा हु जमाने को ।
मगर ईस चेहरे के पिछे
माशूम सा, नासमझ सा ,
साफ दिल का एक बच्चा
आज भी मोजुद हैं । 🙏-
हालात ऐ जिंदगी तो
इक रोज शवर जाएगी
लेकिन ...
मरते दम तक तेरे होंठो की
हशी हमें याद रहेंगी ...
जिक्र क्या लब पें भी
अब तेरा नाम नहीं
ईस्सै माकुल पास मेरे ...
ओर कोई इंतकाम नहीं ।
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पर समझ मेरे कुछ भी ना आया
जब मेरे ही अपनो ने मुझे ठोकर लगाया
तब कही जाके संभल कर चलना आया ...।-